
UNITED NEWS OF ASIA. लक्ष्मी पटेल, कोंडागांव | कोंडागांव शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एनसीसी और भूगोल विभाग ने मिलकर ‘विश्व जल दिवस’ मनाया। इस कार्यक्रम में जल संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर प्रभावों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने जल के सीमित संसाधनों और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत सरकार के ‘नल जल मिशन’ जैसे प्रयासों की सराहना की और जल प्रदूषण को रोकने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
जल का सीमित संसाधन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, भूगोल विभाग के अध्यक्ष समलेश पोटाई ने जल के सीमित संसाधनों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि, पृथ्वी पर 71% पानी होने के बावजूद, पीने योग्य पानी केवल 3% है। उन्होंने बेंगलुरु जैसे शहरों में जल संकट का उदाहरण दिया और जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव
वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष आकाश वासनिकर ने ग्लोबल वार्मिंग के समुद्री जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि, कैसे बढ़ते तापमान के कारण दुर्लभ मछलियाँ मर रही हैं। उन्होंने रायपुर शहर में भूजल की कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
जल संरक्षण के लिए आह्वान
कार्यक्रम के अंत में एनसीसी एएनओ नेहा बंजारे ने जल संरक्षण के नियमों को दैनिक जीवन में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदूषण कम करने और स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में एनसीसी परचनपाल यूनिट के हवलदार शेंडगे ज्ञानेश्वर और महाविद्यालय के समस्त स्टाफ सहित सहायक प्राध्यापक गण ओर छात्राएं उपस्थित रहे।
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