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पोखरा में ‘प्रचंड’ गलती, क्या है एयरपोर्ट का चीनी कनेक्शन, 23 साल में नेपाल ने देखा 17 विमान हादसे

नेपाल का समझौता 72 जुड़वा इंजन टर्बो प्रॉप प्लेनिंग। इसे फ्रांस और इटली की कंपनी ने बनाया है। 72 यात्री ले जाने में यात्रा करते हैं 72 की अधिकतम गति 309 मील प्रति घंटा है। इसके अलावा सवाल पोखरा एयरपोर्ट को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं।

नेपाल के पोखरा में योजनाओं को लेकर कुछ ऐसी चीजें सामने आई हैं जिनसे किसी दुर्घटना की वजहों तक संदेश जा सकता है। जिस वक्त ये हादसा हुआ था उस समय मौसम साफ हो गया था। प्लेन की लैडिंग को लेकर एटीसी और पायलट के बीच कोई कन्फ्यूजन था। जिस तरह आखिरी वक्त में पायलट और एटीसी के बीच बातचीत हुई थी। उसे लेकर दुर्घटना को लेकर कुछ संकेत भी मिल रहे हैं। नेपाल की सिविस एविएशन ऑथरिटी के अनुसार दुर्घटना के लिए मौसम जिम्मेदार नहीं था, क्योंकि रविवार को मौसम साफ था। विमान हादसा खराब मौसम नहीं बल्कि तकनीकि खराबी की वजह से हुआ। विमान के पायलट ने एटीसी से लैंडिंग के लिए परमिशन भी ले ली थी। पोखरा एटीसी की ओर से लैंडिंग के लिए ओके भी कह दिया गया था। नेपाल की शिव विमानन प्राधिकरण का कहना है कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थी।

चीन की मदद से बना था Airport

नेपाल का समझौता 72 जुड़वा इंजन टर्बो प्रॉप प्लेनिंग। इसे फ्रांस और इटली की कंपनी ने बनाया है। 72 यात्री ले जा सकते हैं कनेक्टिविटी 72 की अधिकतम स्पीड 309 मील प्रति घंटा है। इसके अलावा सवाल पोखरा एयरपोर्ट को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं। दरअसल, जिस पोखरा एयरपोर्ट के पास प्लेन लैंडिंग से पहला फक्क हुआ। उस एयरपोर्ट का निर्माण चीन ने किया है। एयरपोर्ट का उद्घाटन हाल ही में कमल दहल प्रचंड ने किया था। ये महत्वपूर्ण परियोजना चीन की महत्वपूर्ण बेल्ड एंड रोड इनिसिएटिव अलायंस (बीआरआई) का हिस्सा थी।

नेपाल में हाल के दिनों में हुए कुछ प्लेन हादसे

देश में पिछला बड़ा विमान हादसा पिछले साल 29 मई को हुआ था, जब स्टार एयर का एक विमान पहाड़ी मुस्तांग दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों सहित सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।

2016 में इसी विमान का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी।

मार्च 2018 में, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हो गई।

सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चढ़ते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी।

पोखरा से जोमसोम उड़ान भरते समय एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।

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