
UNITED NEWS OF ASIA. कोंडागांव/नारायणपुर।छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। कोंडागांव और नारायणपुर जिलों की सीमा से सटे किलम-बुरगुम के जंगलों में मंगलवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो खूंखार माओवादी कमांडर मारे गए हैं।
मारे गए नक्सलियों की पहचान डीवीसीएम हलदर (₹8 लाख इनामी) और एसीएम रामे (₹5 लाख इनामी) के रूप में हुई है। दोनों पर कुल ₹13 लाख का इनाम घोषित था।
ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता
माओवादियों की उपस्थिति की खुफिया सूचना के बाद कोंडागांव डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम ने 15 अप्रैल को सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। मंगलवार शाम हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया।
मुठभेड़ स्थल से एक AK-47 राइफल, एक अन्य हथियार, विस्फोटक सामग्री और माओवादी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। फिलहाल जंगल में सघन सर्च ऑपरेशन जारी है।
बस्तर रेंज के IG ने की पुष्टि
बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों ने बड़ी मुहिम को अंजाम देते हुए दुर्दांत माओवादियों को ढेर किया है। यह अभियान क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
बीजापुर में भी हाल ही में हुई थी मुठभेड़
गौरतलब है कि 13 अप्रैल को बीजापुर जिले में भी सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन इनामी नक्सली ढेर हुए थे।
मारे गए नक्सलियों में शामिल थे – ₹5 लाख का इनामी माटवाड़ा एलओएस कमांडर एसीएम अनिल पूनेम, और ₹1 लाख के इनामी पालो पोड़ियाम और दीवान मड़कम।
अनिल पूनेम को अंबेली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता है।



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