
स्क्रीन के शुरू होते ही बच्चा दिनभर दौड़ भाग और उछल कूद में लगे रहते हैं। इससे पेरेंट्स भी बेहद परेशान हो जाते हैं। ऊर्जा से भरपूर बच्चों को बिजी रखने के लिए पेरेंटस भी अच्छी सक्रियता की तलाश में रहते हैं। हैंलाकि बच्चों के वेकेशन को यादगार बनाने के लिए यूं तो पेरेंटेंटस बच्चों को कुछ दिन के लिए आउटिंग पर ले जाते हैं। मगर अत्यधिक ऊर्जा और कुछ नई सीखने की ललक के कारण काम नहीं हो रहा है। अगर आप भी बच्चों के वेक्सेशन (छुट्टियों में बच्चे) में उन्हें बिजी रखने की योजना बना रहे हैं, तो सक्रियता की वजह से सहयोग कर सकते हैं।
वेकेशंस में बच्चों को बिजी रखने के लिए इन चीजों की मदद लें
1. खेल गतिविधियाँ
गतिविधियॉं और खेलने से बच्चा न केवल सक्रिय रहता है बल्कि उसकी चौड़ाई भी बढ़ने लगती है। खेलों के मामले में बच्चे के अंदर कांफिडेंस बढ़ रहा है। साथ ही बच्चा हर क्रियाशील रहता है। इससे बच्चों के मस्तिष्क का विकास होता है। मेंटल हेल्थ भी उचित बनी रहती है। खेलों के अलावा बच्चों को विकल्प और योगा क्लासिस भी ज्वाइन करवा कर सकते हैं। इससे बच्चों के शरीर में घबराहट होती है।
2. गार्डनिंग सिखाएं
पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए हमें अपनी अगली पीढ़ी को जागरूक करना चाहिए। स्टेमोस को पानी देने से लेकर पौधारोपण तक उन्हें हर बात की जानकारी दी जाती है। गार्डनिंग के चित्र बच्चे कई नई चीजें सीखते हैं और पर्यावरण समझ को समझने की बात भी उनमें बढ़ने लगती है। सीसीटीवी के दौरान बच्चे गार्डनिंग में लगे रहेंगे।
3. क्रिएटिव आर्ट जरूरी है
बच्चों की रचनात्मक कला में वेस्ट मैटीरियल से चीजें बनाना, पेंटिंग और ड्राइंग यानी चित्रकारी जैसी चीजों की जानकारी दें। इसमें बच्चे व्यस्त रहते हैं। बच्चों की सक्रियता में एगेंज करने के साथ उन्हें मॉनिटर करना भी आवश्यक है। क्रिएटिव आर्ट से बच्चों की इमेजिनेशन पावर बढ़ती है और उनमें क्रिएटिव सेंस डेवलप होती है। साथ ही बच्चों में चीजों की रिसाइकिलिंग, कलरिंग और पेपर वर्क की नॉलेज बढ़ रही है। रचनात्मक कला में घण्टों में व्यस्त रहने वाले बच्चों के पढ़ने वाले बच्चे भी गलत होते हैं।
4. हॉबी क्लासिस ज्वाइन करवाएं
कुछ बच्चों को गिटार पसंद है, तो कोई सिंगिग व डासिंग सीखना चाहता है। ऐसे में बच्चों को उनकी शौनक के होश से सक्रियता एनरोलमेंट करवाएं। इससे बच्चे की प्रतिभा में वृद्धि होती है। जीनियस बच्चे मेंटल तौर पर भी हेल्दी रहते हैं। साथ ही साथ उनका ज़बर्दस्त काम अपने पसंदीदा कामों को बूढ़ा बना देता है।

5. खाना बनाना जरूरी है
आज के वर्किंग कल्चर के होश से बच्चों को नॉन फ्लेम खाना बनाना ज़रूर सिखाएं। इससे बच्चे अपने लिए कुछ नया और हेल्दी बना सकते हैं। इसी साथ इस बात को भी अच्छी तरह से समझ लिया जाता है कि खाना पकाने में कड़ी मेहनत और सावधानी लगती है। ऐसे में वो खाने के महत्व को भी समझ जाते हैं और दिनभर कुछ न कुछ बनाने में लगे रहते हैं।
इन चीजों का भी रखें ख्याल
बच्चों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रेरित करें। उन्हें पारिवारिक संबंधों की जानकारी दें।
संचारी पकड़ को विकसित करने के लिए उनमें कुछ देर से बात करें।
इसके अलावा बच्चों को शॉपिंग की भी जानकारी दें ताकि उन्हें पैसों की बचत और फॉर्म के तरीके का पता चल सके।
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