
पाचन संबंधी विकार जैसे कब्ज लोगों को एक ही बार में परेशानी में डाल देते हैं। ऐसे में आपस में जुड़ाव होना बहुत जरूरी है। कब्ज की समस्या केवल आपकी पाचन क्रिया पर असर करती है बल्कि आपके पूरे दिन चर को प्रभावित कर सकती है। इस दौरान आपको किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में बहुत परेशानी होती है और आप पूरे दिन अटके रह सकते हैं। हालांकि, काम की बात नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को फील करने के अलावा भी कुछ ऐसे खास भोजन स्रोत हैं जो कब्ज से राहत पाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
लगातार बढ़ती कब्ज की समस्या को लेकर हम न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक और अकादमी के डायरेक्टर पूनम दुनेजा से बातचीत की। इससे वे मिलने के लिए कुछ महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों के नाम बताते हैं, तो विवरण जानिए कि किस तरह के काम करते हैं यह भोजन स्रोत।
पहले जान लें कि पाचन क्रिया धीमी क्यों हो जाती है
आमतौर पर लोग आलसी और सुस्त हो जाते हैं। शारीरिक स्थिरता के कारण भी पाचन संबंधी विकार पाए जाते हैं। वहीं सीसीटीवी में लंबे समय तक रहने की वजह से आपका मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है। साथ ही एक ही बार में पन्ने भी बहुत कम समझने लगते हैं, ऐसे में हम सामान्य रूप से कम पानी कंजरम करते हैं। यह दोनों कब्ज की समस्या का गंभीर कारण हो सकते हैं।

यहां कॉन्स्टिपेशन की समस्या में 5 खाद्य पदार्थों के नाम शामिल हैं
1. प्रमाणए हुए आलूबुखारे (Prune)
आलूबुखारा को आमतौर पर बैर के नाम से जाना जाता है। वहीं परेशान आलूबुखारे को पानी में भरकर खाने से कब्ज की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है। यदि आप चाहे तो इसे जूस के तौर पर भी ले सकते हैं। यह पेट को साफ रखता है और डाइजेस्टिव मसल्स को भी रिलेक्स करता है। जिस वजह से कॉन्स्टिपेशन, आदि जैसे बैक्टीरिया आपको प्रभावित नहीं करते। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्वों आंतों के कैंसर, डाइटरी, एलर्जी से जुड़ी बीमारियों में भी माने जाते हैं।
2. कद्दू के बीज (कद्दू के बीज)
पंपियो सीकिंड्स में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। ऐसे में इन्हें सेवन ब्लोटिंग, कब्ज और पेट से जुड़ी अन्य स्थितियों में काफी लाभ माना जाता है। इसके लिए आप कद्दू के बीजों को रोस्ट कर सकते हैं। वहीं इन्हें पानी में पूरी तरह से पदार्थ के साथ ब्लेंड करके भी लाभ लेते रहेंगे।
3. पपीता (पपीता)
पपीता में पाइन एनजॉय मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए यह कब्ज और अपच जैसी शिकायत से राहत में मदद करता है। यदि आप कब्ज से परेशान रहते हैं तो पपीता के सेवन से आपके लाभ बने रहेंगे।

4. सत्तू (सत्तू)
सत्तू में पर्याप्त मात्रा में इनसोल्युबल फाइबर मौजूद होता है। इसे व्यापक रूप से पर्यावरण के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। यह आतों को साफ करता है और पेट को डीटॉक्सिफाई करता है। इसके साथ ही इसे कब्ज और एसिडिटी की समस्या में सम्भावित माना जाता है।
5. त्रिफला चूर्ण (Triphala churan)
त्रिफला चूर्ण भूरे रंग का पाउडर है जिसे तीन महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में शामिल है आंवला, हरीतकी और बहेड़ा। यह सभी कब्ज की समस्या में एक प्रभावी नुस्खे के तौर पर काम करते हैं। आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को कॉन्स्टिपेशन का सबसे उचित उपचार माना जाता है। आप इसके चूर्ण को पानी के घोंट सकते हैं। साथ ही इसे दूध और जूस आदि मिलाकर भी लाभ लेते रहेंगे।
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