
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक न्यायालय, गाजीपुर) के उस आदेश को बुधवार को सील कर दिया, जिसमें बांदा जेल में बंद माफिया और महापौर न्यायालय अंसारी को श्रेष्ठ वर्ग प्रदान करने का निर्देश जिला जेल अधीक्षक को दिया गया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक न्यायालय, गाजीपुर) के उस आदेश को बुधवार को सील कर दिया, जिसमें बांदा जेल में बंद माफिया और महापौर न्यायालय अंसारी को श्रेष्ठ वर्ग प्रदान करने का निर्देश जिला जेल अधीक्षक को दिया गया था। विशेष न्यायाधीश ने 15 मार्च, 2022 को अपने आदेश में बांदा जिला जेल के अधीक्षक को यह निर्देश दिया था।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के तहत दायर याचिका दायर करते हुए दायरा दायरा दायरा दायरा दायरेश कुमार सिंह ने कहा, “आरोपी मुख्तार अंसारी चैप्टर 16 के तहत पहल के लिए मुकदमा लड़ रहा है और यदि ऐसा व्यक्ति अध्याय 16 के तहत विचार का विचार है है तो सामान्य रूप से उनके श्रेष्ठ वर्गों के लिए वोट नहीं चाहिए।”
अदालत ने कहा, “आरोपी महान अंसारी एक कुख्यात अपराधी, दुर्दांत अपराधी और बाहुबली है और उसके खिलाफ 58 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन शिकायतों और कानूनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए मेरा विचार है कि मौजूदा याचिका में आरोपित अधिकार केवल अभिग्रहण अधिकार क्षेत्र के बाहर का है, बल्कि यह टिकने योग्य नहीं है। इसलिए इसे नोटिस किया जाता है।”
इससे पहले, राज्य सरकार के वकील ने याचिका दायर की थी कि अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से आदेश पारित किया है क्योंकि अदालत के पास एक दोषी को श्रेष्ठ वर्ग प्रदान करने के अधिकार और श्रेष्ठ वर्ग प्रदान करने या ना करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार में निहित है। उन्होंने आगे अपनी दलील में कहा कि दुनिया के महानायक अंसारी के व्यापक आपराधिक इतिहास को देखते हुए वह श्रेष्ठ वर्ग के पात्र नहीं हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें