लेटेस्ट न्यूज़

सतीश कौशिक: भाई ने मेरे मुंह पर दे मारी थी चारपाई और दही, पैसे चुराए तो मेरा नाम रखा- ग्रीनलीफ – सतीश कौशिक ने बचपन से ही अभिनेता बनने की ठानी थी जब उन्होंने फिल्म से अपने प्यार के बारे में बताया

सतीश कौशिक बॉलीवुड के वो सितारे देख चुके हैं जो फिल्मों में से तो अपने किरदार से लोगों को हंसाते ही थे, अपने आसपास के लोगों को भी खूब खुश रखते थे। सतीश कौशिक फिल्मी दुनिया में बड़े डायरेक्टर्स और एक्टर्स की लिस्ट में मिल जाती है। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि सतीश कौशिक के परिवार की फिल्मी दुनिया से कोई जुड़ा नहीं था। सतीश कौशिक के पापा एक कंपनी में सेल्समैन थे और वो हरिसल नीलाम करते थे। सतीश कौशिक ने फिल्मों से अपने अनोखे प्यार का किस्सा खुद सुना था। एक बार तो उन्होंने फिल्म देखने के लिए अपनी मां के पैसे भी चुरा लिए थे।

सतीश कौशिक का परिवार दिल्ली में रहता था। करोलबाग में उनके 6 भाई-बहन और माता-पिता साथ ही रहते थे। सतीश कौशिक ने ‘जीना ऐसा ही नाम है’ शो पर अपना किस्सा भी सुनाया था। उन्होंने बताया कि जब भी वो फिल्मी पर्दे पर बड़े-बड़े स्टार्स को अपनी तरफ देखते हुए काफी खिंच जाते थे। उन्हें लगता है कि ये काम तो मैं भी कर सकता हूं। सतीश कौशिक के पिता हरिसन लॉक कंपनी में सेल्समैन का काम करते थे। सतीश को एक्टिंग से प्यार था और आखिरकार उन्हें अपने मन की बात कही। गोपनीय की बात सुनकर काफी हैरानी हुई और कहा कि ये हमारा काम नहीं है। उन्होंने ये तक कह दिया था कि उनकी शक्ल अच्छी नहीं थी। इस पर मां ने तपाक से अपने बेटे के नैन-नक्श को लेकर पक्ष लिया था।

ने सतीश कौशिक के मुंह पर चारपाई दे मारी थी

इसके बाद सतीश कौशिक ने अपने बड़े भाई को भी अपने अभिनय करियर के बारे में सुनाया। उन्होंने बताया कि पापा ने उनकी एक्टिंग के बारे में सुनकर कहा था कि तुम शक्ल भी अच्छी नहीं है और ये हमारा काम नहीं है। बड़े भाई तो सतीश कौशिक की बात सुनकर भड़क उठे थे कि उन्हें चार आप ही मुंह पर दे मारी थी। हालांकि, सतीश कौशिक को इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने जो ठान लिया था, उसी के दम पर लिया।

अनुपम खेर ने चंपी करते हुए ऐसा मरोड़ा था कान कि चीख पड़े थे सतीश कौशिक

सतीश ने बताया- पिक्चर देखने का मुझे बहुत था

सतीश कौशिक ने कहा,’पिक्चर देखने का मुझे बहुत कीड़ा था, लगता था ये जो महमूद साहब करतके हैं, बड़े-बड़े अभिनेता करते हैं। महमूद भाईजान के चित्र मैंने बहुत देखे थे। वो शानदार अभिनेता थे और मैं उन्हें देखकर कहता था कि ये काम तो मैं बाएं हाथ से कर सकता हूं। मन में ये बैठ गया था जो धीरे-धीरे बढ़ने लगा।’

सलमान खान-सतीश कौशिक: सूनी आंखे… मौस दिल… सतीश कौशिक की आखिरी यात्रा में सलमान की अंतहीन निराशा

किताबें बेचने वाले भी पिक्चर देखकर आए थे सतीश कौशिक

इसी शो पर उनके एक दोस्त ने बताया था कि वो पिक्चर देखने के बहुत शौकीन थे लेकिन जेब में पैसे नहीं होते थे। फिल्म देखने के लिए पैसे होते थे तो एक किताब को दो बार लेने वाली बहनें करती थीं। सतीश कौशिक ने बताया था कि कई बार तो अपनी ही किताबें बेच देते थे और इसी से मोजूद पिक्चर देख लेते थे।

अभिषेक बच्चन से लिपटकर रोए अनुपम खेर, सतीश कौशिक की अंतिम यात्रा में हर आंख हुई नम नम:

इसलिए सतीश कौशिक का नाम हरी पत्ती रखा गया

सतीश कौशिक ने ये भी कहा था कि एक बार वो फिल्म देखने के लिए मां के पैसे भी चुरा लिए हैं। उन्होंने कहा था कि मां के तकिये के नीचे से उन्होंने एक बार 5 रुपये का नोट चुराया था और ये खबर पूरी गली में सौ-सौदी पता लग गई थी। उन्होंने ये भी बताया कि उनका तब नाम लोग ग्रीन लीफ ग्रीन भी चल रहा था।

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page