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Raipur News : CM विष्णुदेव साय ने किया कौशल विकास मिशन का शुभारंभ, 4 अहम MoU से बदलेगा लाखों युवाओं का भविष्य

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के कौशल विकास को लेकर चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में इन समझौतों की घोषणा करते हुए कहा, “विकसित भारत का निर्माण युवा शक्ति के बिना संभव नहीं।” इस अवसर पर उन्होंने नीति आयोग के ‘राज्य समर्थन मिशन’ के तहत कौशल, रोजगार और आजीविका से जुड़ी योजनाओं को नई दिशा देने का संकल्प भी दोहराया।

कौशल विकास को मिली नई रफ्तार, बदलेगा युवाओं का भविष्य

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य तभी संभव होगा जब युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण मिले। उन्होंने कहा कि महिलाएं और जनजातीय समुदाय राज्य की शक्ति हैं और इन्हें आजीविका के अवसर देकर आर्थिक विकास को गति दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लाइवलीहुड कॉलेज, आईटीआई और महिला स्व-सहायता समूहों को मज़बूत कर रही है। उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ हुए एमओयू की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के युवाओं को ट्रैक्टर निर्माण की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी, जिससे विशेषकर बस्तर और सरगुजा अंचल के युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

चार बड़े MoU युवाओं को मिलेगा रोज़गार और आत्मनिर्भरता

कार्यशाला के दौरान चार अहम समझौते किए गए

  1. नन्दी फाउंडेशन व छत्तीसगढ़ स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं को कौशल देकर उनकी आजीविका और आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना।

  2. महिंद्रा एंड महिंद्रा व स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी दंतेवाड़ा, बलरामपुर और कोंडागांव जिलों में ट्रैक्टर मैकेनिक का अल्पकालिक प्रशिक्षण।

  3. नैसकॉम व उच्च शिक्षा विभाग कॉलेज छात्रों को उन्नत तकनीकों से प्रशिक्षित कर उन्हें “जॉब सीकर” से “जॉब क्रिएटर” बनाने की दिशा में कदम।

  4. नन्दी फाउंडेशन व उच्च शिक्षा विभाग महाविद्यालय स्तर पर युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।

आदिवासी अंचलों में बनेंगे प्रशिक्षण केंद्र, ई-हब से मिलेगा नवाचार को बल

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर और सरगुजा के युवाओं को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। महिलाओं के लिए स्वरोजगार केंद्र और जल्द शुरू होने वाले ई-हब के ज़रिए नवाचार करने वाले युवाओं को प्रोटोटाइप, फंडिंग और मार्केटिंग जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।

उन्होंने कहा, “अब बस्तर माओवाद से नहीं, युवाओं की प्रतिभा से पहचाना जाएगा। हम स्थानीय संसाधनों पर आधारित कृषि, हस्तशिल्प और वन उत्पाद आधारित उद्योगों में भी युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं।”

अब तक 4.83 लाख युवाओं को मिला प्रशिक्षण

तकनीकी शिक्षा सचिव एस. भारती दासन ने बताया कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 4.83 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें से 2.66 लाख से अधिक को रोजगार भी मिला है।

नीति आयोग का समर्थन

नीति आयोग की प्रोग्राम निदेशक डॉ. सोनिया पंत ने कहा कि आयोग राज्य सरकार को तकनीकी और रणनीतिक समर्थन देगा। उन्होंने कहा कि वन-आधारित आजीविका कार्यक्रमों को सशक्त कर आदिवासी युवाओं की आय में वृद्धि की जा सकती है।


छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम केवल रोजगार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया साहसिक कदम है। युवाओं को शिक्षा से कौशल, और कौशल से सम्मानजनक रोजगार की ओर ले जाने वाली यह नीति, विकसित भारत के सपने को साकार करने की नींव है।

 


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