

एएनआई
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान की सरकार जिस तरह तिकड़ी सेना की जरूरतें पूरी कर रही है और आगे आने वाली इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर रही है भारत की उसकी प्रतिरक्षा क्षमता और वृद्धि हो रही है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के विशेष साप्ताहिक कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी से सवाल किया गया कि वर्तमान वैश्विक माहौल को देखते हुए हमारी सेना को और कैसे बनाया जा सकता है? साथ ही हमारी सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कौन-कौन से कदम माने गए हैं?
इन सवालों के जवाब में श्री त्रिपाठी ने कहा कि हमारी सेना को आत्मनिर्भर बनाने के काम तेजी से चल रहे हैं। इस कड़ी में घरेलू नियामक को जिस तरह से बढ़ावा दिया जा रहा है, वह भी हमारे लिए लाभदायक है। एक तो इससे मुश्किल समय में हम दूसरों पर साजोसामन के लिए स्थायी रूप से नहीं होंगे साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने के अलावा हम रक्षा आयात से भूमिका में भूमिका में एक डेस्कटॉप।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखें तो पाकिस्तान और चीन ही दो बड़ी चुनौती हैं। लेकिन पाकिस्तान खुद संघर्ष में फंस गया है और उसे यह बात अच्छी तरह पता है कि वह भारत से सीधी लड़ाई में कभी नहीं जीत सकता इसलिए वह आतंकवाद का सहारा लेगा जिसके लिए हम पूरी तरह से सतर्क रहेंगे। इसके अलावा चीन को भी यह समझ है कि यह 1962 वाला भारत नहीं है इसलिए सीधी लड़ाई वह भी कभी नहीं करेगा। उसका प्रयास रहेगा कि तवांग जैसी घटनाओं को दोहरा कर वह भारत पर मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव डाले इसलिए उसका सामना करने के लिए हमें अलर्ट रहना होगा।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि साथ ही हमें अपने रक्षा साजो-सामान को भी कायम रखना होगा। वर्तमान की सरकार जिस तरह से क्षत्रियों की जरूरतें पूरी कर रही है और आगे आने वाले करोड़ों को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर रही है, उससे भारत की प्रतिरक्षा क्षमता और बढ़ रही है।
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