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पाकिस्तान की अदालत ने दो मुकदमों को 34-34 साल कैद की सजा सुनाई

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अदालत के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”सहिवाल स्थित आतंकवाद प्रतिबद्ध अदालत (एटीसी) ने टीटीपी के दो दस्तावेजों, मलिक राजिक और सद्दाम हुसैन मोसेस को पंजाब सूबे में हुई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का दायित्व दावा देने के लिए शुक्रवार को कहा को 34-34 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।”

पाकिस्तान की एक अदालत ने तहरीक-ए-तालिबान (टीपीटीपी) के दो सदस्यों को पंजाब सूबे में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का दोषी करार देते हुए 34-34 साल कैद की सजा सुनाई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। टीएटीपी को पाकिस्तान हिंद महासागर के नाम से भी जाना जाता है और माना जाता है कि उसके संबंध वैश्विक आतंकवादी संगठन अल-कायदा से हैं। अदालत के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”सहिवाल स्थित आतंकवाद प्रतिबद्ध अदालत (एटीसी) ने टीटीपी के दो दस्तावेजों, मलिक राजिक और सद्दाम हुसैन मोसेस को पंजाब सूबे में हुई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का दायित्व दावा देने के लिए शुक्रवार को कहा को 34-34 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।”

उन्होंने कहा कि एटीसी जज जाहिद गजनवी ने आतंकवाद विरोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा अदालत में सबूत के दावों पर जाने के बाद सजा सुनाई। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल मई में लाहौर सीटीडी ने दोषियों को करीब 200 किलोमीटर दूर पाकपट्टन शहर से गिरफ्तार किया था और उनके पास से हथियार, विस्फोटक और आत्मघाती हमले में इस्तेमाल होने वाले बरामदे किए गए थे। इस बीच, सीटीडी ने सूबे के अलग-अलग क्षेत्रों से आठ संदिग्ध संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। सीटीडी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि टीटीपी से जुड़े आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और सूबे के अलग-अलग थानों में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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