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सैन्य प्रतिबंध पर हमला करने वालों के खिलाफ सैन्य कानून के तहत मुकदमा चलेगा : पाक मंत्री मरियम

सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रेस वार्ता में कहा कि मैक्सिको के उच्च परिसर से पूर्व प्रधान मंत्री खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को आगजनी के आरोप और वरीयता में शामिल होने के आरोपों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंत्री ने कहा कि दोषियों को गिरफ्तार करना और सजा देना सरकार की जिम्मेदारी है।

पाकिस्तान के एक उच्च मंत्री ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के मद्देनजर सेना के प्रतिबंधों में शामिल लोगों पर कानूनी क़ानून के तहत मुकदमा चलेगा। आम नागरिक के खिलाफ सैन्य कानून के तहत मुकदमा चलाने को लेकर मानवाधिकार क्षेत्र द्वारा चिंताजाए जाने के बीच सरकार का यह अभिप्राय आया है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रेस वार्ता में कहा कि मैक्सिको के उच्च परिसर से पूर्व प्रधान मंत्री खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को आगजनी के आरोप और वरीयता में शामिल होने के आरोपों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंत्री ने कहा कि दोषियों को गिरफ्तार करना और सजा देना सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ”हमलावरों पर प्रासंगिक नागरिक सैन्य एवं कानून के तहत मुकदमा चल रहा है। के कब्रिस्तान पर हमला किया गया, जो देश के प्रति विरोधी दुश्मनी दिखाते हैं। मंत्री ने कहा, ”हमारे पास वीडियो सबूत हैं और हम ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे।”

यह पूछे जाने पर कि किस खान पर भी सैन्य कानून के तहत मुकदमा चलेगा, उन्होंने कहा कि खान के खिलाफ ”संबंधित अदालतों” द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा। इस बीच, एमनेस्टी इंटरनेशनल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे अधिकारों के दायरे ने दंगों के खिलाफ सख्त सेना अधिनियम के तहत मुकदमा दायर करने के कदम की कड़ी आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशन की दक्षिण एशिया इकाई के उप क्षेत्रीय निदेशक दिनुशिका दिस्सानायाके ने कहा, ”यह ध्यान देने वाली बात है कि पाकिस्तान सेना ने अनुचित: सैन्य अदालतों में सैन्य कानूनों के तहत आम नागरिकों पर मुकदमा चलाने की अपनी मंशा जाहिर की है। सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है।”

दिनुशिका ने एक बयान में इसे लोगों को ”भयभीत करने की चाल” करार दिया। वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ट्वीट किया, ”हम नागरिकों पर मुकदमा चलाने के लिए पाकिस्तानी सेना अधिनियम 1952 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 का उपयोग करने के कदम का पुर्जा विरोध करते हैं।” नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जमैका उच्च न्यायालय के परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय अधिकार ब्यूरो (एनबी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समझौतों ने कई संभावनाओं और गंभीर आग लगा दी थी और पुलिस और सैन्य कर्मियों के साथ-साथ सैन्य कार्रवाई पर हमला किया था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए थे।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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