यूपी निकाय चुनाव: यूपी में निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आबादी की गिनती अब नए झंडे से होगी। चुनावों के लिए फाड़ उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकायों प्रतिबद्ध पिछड़ा वर्ग आयोग अब संबद्ध-जिलों में नए दर्जों से ओबीसी आबादी की पुरानी दर्जियों से मिलाप-जुड़े ग्राह्यीकरण।
इसके लिए आयोग ने शासन से इनकी संख्या के बारे में पूरी रिपोर्ट दी है। यह पूछा गया है कि वर्ष 2017 के समय कितनी आबादी थी और वर्ष 2022 में आश्चर्य व वार्डों के विवरण के समय इसकी क्या स्थिति थी। शासन से रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग जिलेवार ओबीसी आबादी की गिनती करने के लिए जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगेगा।
हाई कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय प्रतिबद्ध लेटरिंग वर्ग आयोग ने विधिवित कामकाज शुरू कर दिया है। ट्रिपल टेस्ट के आधार पर खुलासे का सच होने के बाद अब निकाय चुनाव होंगे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मिली अवधि में आयोग को काम करने के लिए छत माह का समय बचाना है। इसमें निकाय ओबीसी की आबादी की वास्तविक स्थिति का पता लगाना है। इसमें यह देखा जाएगा कि निकायोंवार ओबीसी की कितनी आबादी है। इसके लिए नई और पुरानी जानकारियों का मिलान किया जाएगा।
नगर विकास विभाग ने घोषणा व वार्डों का तथ्य करने के लिए सिर्फ अतिरिक्त और नए 240 बॉडी में रैपिड सर्वे के लिए ओबीसी की गणना की गई थी। पुराने के लिए साल 2017 में हुए रैपिड सर्वे को आधार मानकर ही नतीजे निकाले गए। इसीलिए आयोग यह पता लगाएगा कि परतवार देरी की आबादी की वास्तविक स्थिति क्या है। गलित परखने के लिए इसका दो स्तरीय परीक्षण भी होगा। किसी भी तरह की बातचीत होगी। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी कि लेटरों के खाते में कितनी सीटें जा सकती हैं।