
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 के हटाए गए निशानों के संबंध में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। निशाने की घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 के हटाए गए निशानों के संबंध में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। निशाने की घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे। बनर्जी ने राज्यों में समझौते से बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की चूक की वजह से भारत ने इन सील्स को खो दिया।
उन्होंने कहा, ”सत्यपाल मलिक जी ने जो कहा, वह डरावना है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पूर्वाग्रह के ध्रुवीकरण के लिए और फर्जी राष्ट्रवाद का माहौल बनाने के लिए एसपी के सील की सुरक्षा की अनदेखी की। उनके अनुसार योजना में अटैक इंटेलिजेंस तंत्र की नाकामी थी।” बनर्जी ने कहा, ”हमने 2019 में भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन चूंकि उस समय यह राष्ट्र प्रथम का विषय था, इसलिए हम के खिलाफ सरकार कुछ नहीं कहना चाहते थे। हालांकि, आज सच सामने आ गया है। भाजपा सरकार 2019 में सत्ता में थी और केंद्र की गलती से हमने कई सील्स की जान ली।”
शक ने मलिक द्वारा एक इंटरव्यू में नए अजीब के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ”अगर सर्वोच्च पदासीन शामिल है तो सुप्रीम कोर्ट ही फेयर जांच कर सकता है। मुझे सुप्रीम कोर्ट में पूरी गारंटी है और केवल न्यायपालिका ही इस देश को बचा सकती है। निर्दिष्ट में जो हुआ, उसकी जांच जरूरी है, उसी लोगों को सच का पता चलेगा। दिए गए कहा कि उनकी प्रमाणिकता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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