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भाई की मौत के ठीक बाद खोई हुई फिल्म अभिनेत्री पिया बाजपेयी को करना पड़ा धमाकेदार रोमांटिक शॉट बॉलीवुड डार्क साइड्स असामान्य कहानी

मुंबई। साउथ फिल्मों में आने वाले (एगन), को (को) और मास्टर्स (मास्टर्स) जैसी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री पिया बाजपेई ने अपने स्ट्रगलिंग दौर के किस्से साझा किए हैं। हाल ही में डेली भास्कर को दिए इंटरव्यू में पिया बजपेई ने इंडस्ट्री के बरहम चेहरे का भी खुलासा किया है।

22 दिसंबर 1993 को उत्तर प्रदेश के इटावा में जन्मी चार्ट बजपेई को लॉस्ट जैसी हिंदी फिल्मों में बेहतरीन काम के लिए भी जाना जाता है। पिया बजपेई ने अभिनय में मुकाम बनाने से पहले बहुत संघर्ष किया है। पिया बाजपेई ने इंटरव्यू में बताया कि भाई की चिता को आग देने के बाद उन्हें सेट पर लौटना पड़ा।

दुख की घड़ी में भी पड़े रोमांटिक शॉट

इतना ही नहीं इस दुख भरी घड़ी में पिया को फिल्म के लिए रोमांटिक शॉट भी दिए गए। पिया बजपेई ने अपने संघर्ष की लंबी दास्तां शेयर की है। पिया ने बताया कि मेरे परिवार से कोई भी फिल्म इंडस्ट्री में नहीं थी। मैंने अभिनय में जाने का फैसला किया और घर से झूठ बोलकर मुंबई आ गया। इसके बाद वास्तविक संघर्ष शुरू हुआ। पिया ने बताया कि मुंबई आते ही मैंने लॉज में कुछ दिन गुजारे। इसके बाद मुझे पता चला कि अभिनय के लिए मुझे अंधेरी जाना होगा। इसके बाद मैंने लॉज से अपना सामान उठाया और अंधेरी में पीजी ढूंढने लगी। मुंबई के टुकड़े का हाल किसी से छिपा नहीं है।

शौचालय के कमरे में रहने का दिन

पिया ने बताया कि यहां उन्होंने टॉयलेट से भी छोटे कमरे का पीजी लिया। कमरे के साथ में एक शर्त भी थी कि कुत्ते के साथ सोना होगा। कमरे में केवल इतनी ही जगह थी कि एक ही आदमी सो सकता था। मैं अपने सामान पर पैर रखने की व्यवस्था करता था। पिया ने यहां कुछ दिनों तक पूर्णताएं प्राप्त कीं। इसके बाद एक व्यक्ति से मुलाकात हुई जिसने उन्हें नौकरी दी और रहने की जगह भी दी। पिया ने बताया कि वे ऑफिस में शाम 7 बजे के बाद रिकॉर्ड हो जाते थे और सीधे 7 बजे ऑफिस में ही मिलते थे। लक्ष्मी इंडस्ट्रियल की यह नौकरी कुछ दिनों तक मेरा पेट पालती रही है। बिना वेतन के रहने और खाने के लालच में मैंने कुछ दिनों तक यह नौकरी की। मैंने किसी तरह 700 रुपये की व्यवस्था की और अपना एक्सपोजर बनवाया।

झाँकी में झाँका

इसके बाद मैंने नोटिस देना शुरू कर दिया। पिया बाजपेई ने इंटरव्यू में बताया कि एक दिन नोटिस में उनकी भी किस्मत चमक गई और टूथपेस्ट के एड में उन्हें चुन लिया गया। पिया कहते हैं कि उन्हें याद है कि इस एड के लिए उन्हें हज़ार रुपये मिले थे। इसके अतिरिक्त मी डबिंग का काम मिल गया। चूंकि मैं उत्तर प्रदेश से था तो मेरी हिंदी अच्छी थी। इसके बाद मैं काम करने लगा और धीरे-धीरे पैसे मिलने लगा। इसके बाद मैंने टैग में भेजा।

सोप एड के लिए मिले थे 60 हजार रुपये

इसी दौरान किस्मत ने मेरा दरवाजा खटखटाया और मुझे एक सोप का एड मिल गया। इस एड की शूटिंग गोवा में हुई और इसके बदले में 60 हजार रुपये मिले। इसके बाद पिया ने साउथ की फिल्मों में काम करने का सोचा और सुझाव दिए। हिंदी फिल्मों से पहली साउथ की फिल्म पिया को काम मिल गई। इसके बाद देखते ही देखिए पिया एक्टिंग की दुनिया में बड़ा नाम बन गए। पिया ने लाल रंग, मिर्जा जूलियट, लॉस्ट लाइक फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है। पिया अब फिल्मों के साथ सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। सिया को इंस्टाग्राम पर 2.4 मिलियन से भी ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

टैग: बॉलीवुड नेवस

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