
UNITED NEWS OF ASIA. लक्ष्मी पटेल, कोंडागांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने संगठनात्मक विस्तार के तहत प्रदेश के 11 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। लंबे समय से चल रही अटकलों के बाद अब कोंडागांव कांग्रेस को नया नेतृत्व मिल गया है। बुधराम नेताम को जिले का नया कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
बुधराम नेताम: ज़मीनी स्तर के अनुभवी नेता
बुधराम नेताम कोंडागांव में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। वे धरातल से जुड़े नेता हैं और राजनीति में लंबा अनुभव रखते हैं। 1994 से 2020 तक लगातार 25 वर्षों तक सरपंच पद पर निर्वाचित होते रहे और वर्तमान में भी संबलपुर के सरपंच हैं। 2020 में जिला पंचायत सदस्य बनने के प्रयास में उन्हें सरपंच पद छोड़ना पड़ा, लेकिन क्षेत्र में उनकी पहचान आज भी “संबलपुर सरपंच” के रूप में बनी हुई है।
नेताम सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय रहे हैं। वे संयुक्त बस्तर जिला गोंडवाना समाज के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और कांग्रेस संगठन में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने 10 वर्षों तक कोंडागांव ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और प्रदेश अध्यक्ष शहीद नंदकुमार पटेल एवं भूपेश बघेल के नेतृत्व में संगठन के लिए काम किया।
पूर्व जिलाध्यक्ष झूमूकलाल दीवान का कार्यकाल
इससे पहले, झूमूकलाल दीवान ने कोंडागांव कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रूप में 5 वर्षों तक सफलतापूर्वक कार्य किया। वे मोहन मरकाम के कार्यकाल में पहले पिछड़ा वर्ग समाज से अध्यक्ष बने और अपनी नेतृत्व क्षमता से संगठन को मजबूती दी। हालांकि, संगठनात्मक फेरबदल के तहत उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, लेकिन उन्होंने सत्तारूढ़ दल के जिलाध्यक्ष के रूप में मूल्यवान अनुभव अर्जित किया।
संगठनात्मक बदलाव और राजनीतिक समीकरण
प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में अब जाकर डेढ़ साल से चल रही अटकलों पर विराम लगा है और संगठन में नई ऊर्जा लाने के उद्देश्य से बदलाव किए गए हैं। पार्टी की यह प्रक्रिया लंबे समय से लंबित थी, क्योंकि आमतौर पर जिलाध्यक्षों का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए होता है, लेकिन फेरबदल में देरी के कारण कुछ जिलाध्यक्षों ने लगभग 5 वर्षों तक पदभार संभाले रखा।
नए जिलाध्यक्ष से अपेक्षाएं
बुधराम नेताम के पास गांव से लेकर जिले तक संगठनात्मक नेतृत्व का व्यापक अनुभव है। उनके नेतृत्व में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि वे कोंडागांव में कांग्रेस संगठन को कैसे आगे बढ़ाते हैं और आगामी चुनावों में पार्टी के लिए कितनी मजबूती से काम कर पाते हैं।
कोंडागांव की राजनीति में यह बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जहां अब नए नेतृत्व के साथ कांग्रेस अपनी रणनीतियों को धार देने की तैयारी में है।













