
जो बाइडन, अमेरिकी राष्ट्रपति (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अमेरिका ने पाकिस्तान को बताया पुराना डिफेंस पार्टनर: पाकिस्तान, अमेरिका और चीन में एक अहम समानता है। पाकिस्तान जहां अपना नापाक हरकतों से बज नहीं आता तो वहीं अमेरिका और चीन अपने ब्रिटी चौरीट्रिक से पूछने लगता है। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का प्रदर्शन करने वाला अमेरिका अक्सर पाकिस्तान के सामने चमकता हुआ दिखाई देता है। एक बार फिर अमेरिका का आतंकवाद पर हमला हुआ है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान के पक्ष में जमकर चाहतों के कसीदे पढ़े। ऐसा पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तान की आकांक्षा की हो, इससे पहले भी कई बार अमेरिका का दोहरा चरित्र दुनिया देख चुकी है। चीन तो आपका दोहरा चरित्र और विस्तारवादी स्थिरता के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अमेरिका ने पाकिस्तान की उम्मीद में जो कुछ कहा है, आइए आप अपनी राय दें।
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान की सेना के प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के लिए जनरल आसिम मुनीर को बधाई देने के लिए अल्पसंख्यक आतंकिस्तान की प्रशंसा की है। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को अपना पुराना रक्षा साझीदार बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पुरानी रक्षा साझेदारी है। पेंटागन ने ऑस्टिन और जनरल मुनीर के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी में बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के लिए जनरल मुनीर को बधाई दी और आपसी हित के विषयों एवं क्षेत्रीय घटनाओं पर चर्चा की। ऑस्टिन ने कहा, ”मुझे पाकिस्तान के नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को बधाई देने का अवसर मिला। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ”अमेरिका और पाकिस्तान की पुरानी रक्षा साझेदारी है और मैं जनरल मुनीर के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।
पाकिस्तान के विभिन्न रूपों से अमेरिका को मदद मिलती है
अमेरिका हर बार पाकिस्तान को जासूसी का इनाम देता है। पाकिस्तान अमेरिका के लिए भारत से लेकर अपने दोस्ती चीन और अफगानिस्तान की भी जासूसी करता है। इसके लिए अमेरिका उसे धन का उपहार देता रहता है। इसीलिए जब दुनिया के तमाम देशों ने कंगाल पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया तो अमेरिका ने पाकिस्तान को 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद का ऐलान किया। इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 के रख-रखाव के नाम पर 45 लाख करोड़ डॉलर रुपये दिए थे। तब भारत ने अमेरिका के सामने अपनी आपत्तिजनक भी दर्ज कराई थी। मगर अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए मदद और एफ-16 के रखरखाव के लिए राशि दी थी। मगर भारत ने अमेरिका को उसका यह पाखंड खरी-खरी सुना था। अब अमेरिका फिर से पाकिस्तान पर मेहरबान नजर आ रहा है।



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