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जानिए क्या है नेज़ल वैक्सीन और कैसे काम करेगा – नेजल वैक्सीन क्या है और ये केरोनावायरस के खिलाफ एम्प्लॉय कैसे काम करता है।

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COVID-19 के लिए देश की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (इंट्रानेजल वैक्सीन), के लिए सरकार ने अब सेल तय कर दी है। यह वैक्सीन बाजू पर इजेक्शन के रूप में जाने के दौरान नाक से लगाया जा सकता है। हालांकि अभी तक इसका केवल आपात उपयोग को नोट किया गया था। पर अब इसे 18 साल हो गया है और इससे अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति ने इसका उपयोग करने की अनुमति दी है।

यह वैक्सीन लोगों के लिए हेटेरोलॉगोस खुराक के रूप में उपलब्ध होगा। जिन लोगों ने कोविशिल्ड और कोवाक्सिन ले लिया है, वे अब भारत बायोटेक द्वारा विकसित नेजल वैक्सीन को सब्सक्राइब डोज के रूप में ले सकते हैं। जिसकी कीमत निजी अस्पताल में 800 रुपये प्रति खुराक और सरकारी अस्पताल में 325 रुपये तय की गई है।

पहले ही दी जा चुकी थी मौंदर

नेजल वैक्सीन – BBV154, या iNCOVACC – को नवंबर में कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिल गई है। यह टीका नाक से दिया जाता है। जो म्यूकोसल मेम्ब्रेन में फ्री रिस्पांस को पक्का करता है। कंपनी का कहना है, “एक इंट्रानेजल वैक्सीन होने के रिश्तेदार, BBV154 अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में लोकोक्तियां बन सकती हैं, जो संक्रमण और प्रदूषण को कम कर सकता है।”

सुईं अनुपयोगी यह टीका निजी पर उपलब्ध होगा और इसे Co-WIN प्लेटफॉर्म पर भी लाया गया है।

वैक्सीन को भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी-सेंट लुइस से लाइसेंस प्राप्त तकनीक के साथ विकसित किया है। कंपनी ने भारत में 14 वेबसाइटों पर लगभग 3,100 लाइक के तीसरे चरण के परीक्षण में अपनी कोवाक्सिन की तुलना में वैक्सीन को “सुरक्षित और इम्यूनोजेनिक” पाया। कंपनी ने 875 वीडियो के साथ एक परीक्षण भी किया है, यह देखने के लिए कि उन लोगों में टीके का क्या उपयोग किया जा सकता है, जो आपके पहले टीके के रूप में Covaxin या Covishield ली है।

अब जानिए कैसे काम करती है नेजल वैक्सीन (कैसे नेजल वैक्सीन काम करती है)

भारत बायोटेक के अनुसार वायरस सामान्य रूप से नाक के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करता है। नेजल वैक्सीन (नाक का टीका) आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आपके रक्त में और आपकी नाक में प्रोटीन बनता है। जो आपको वायरस से लड़ने में मदद करता है।

डॉक्टर बिना सुईं वाली छोटी सीरिंज से आपकी नाक में वैक्सीन का नुस्खा। इसे शुरू करने में आमतौर पर लगभग दो सप्ताह लगते हैं। उसके बाद यह संक्रमणें से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो जाता है।

नेजल वैक्सीन के बारे में जाने सब कुछ
इसे इंजेक्शन के माध्यम से जाने वाली वैक्सीन से अधिक लाभ बताया जा रहा है। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्यों अन्य वैक्सीन से अधिक लाभ बताए जा रहे हैं नेजल वैक्सीन (नेजल वैक्सीन के लाभ)

IgG, म्यूकोसल IgA, और T सेल सभी इंट्रानेजल वैक्सीन की व्यापक असीमित रिस्पॉन्स के साथ अप्रभावित हो जाते हैं।

नाक में नाक के म्यूकोसा में एक सजातीय तंत्र होता है। इसलिए नाक के माध्यम से टीकाकरण करने से अधिक लाभ मिलता है।

इस टीके के लिए विशेष प्रशिक्षण वाले चिकित्सा कर्मियों की आवश्यकता नहीं होगी। इसे कोई भी आराम से लगाया जा सकता है।

यह सुई से संबंधित कार्य को समाप्त करता है।

हालांकि अभी तक बड़ों पर ही इसका उपयोग की मंजूरी मिल गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चों का उपयोग किया जाएगा।

सामान्य रूप से, एक-खुराक इंट्रानेजल वैक्सीन को संगत रूप से सुरक्षित, अच्छी तरह से और जैनिक दिखाया गया है।

भारत बायोटेक के इस नए टीके से मास टीकाकरण करने में मदद मिलेगी।

वर्गीकरण के अनुसार नेजल वैक्सीन के खराब होने की अनुमान भी बहुत कम है।

इंजेक्शन का खर्च और समय भी बचेगा और मेडिकल क्रैक भी कम होगा।

कई देशों में नेजल वैक्सीन पर काम हो रहा है

नेजल लगा को विकसित करने में अमेरिका भी हुआ है। नाके से जाने वाली कोरोना की वैक्सीन को तैयार करने में कनाडा और नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने भी पूरी ताकत लगा दी है। बता दें कि इससे पहले नेजल वैक्सीन के ट्रायल को चीन ने 11 सितंबर को मंजूरी दी थी।

किन लोगों को हो सकता है इसके दुष्प्रभाव

वैक्सीन लेने के बाद बुखार, सिर दर्द, नाक बहने, छींकने जैसे कई दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं। भारत बॉयोटेक की सलाह है कि जिन लोगों को पहले किसी भी तरह के टेक लेने पर हेल्थ संबंधी समस्या महसूस हुई है, वे लोग नेजल वैक्सीन की डोज़ लेने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।

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