
लखनऊ की हॉटियां मिलती हैं। लू के थपेड़े अच्छे अच्छों को पसीना ला देते हैं। तब एसी कूलर काम नहीं करता। उस समय जरूरत होती है, वे पारंपरिक उपायों की, जो आपके शरीर के तापमान को अंदर से नियंत्रित कर सकते हैं। इसमें पारंपरिक भारतीय रसोई के कुछ खास व्यंजन हो सकते हैं। मेरी माँ इसके लिए सौंफ पर भरोसा करती हैं। गर्मी से मुकाबला करने के लिए हर बार वे हमारे लिए सौंफ का शरबत बनाते हैं। तो ज़रा जानिए क्यों इतना खास है सौंफ का शरबत (saunf ka Sharbat Recipe) और इसे तैयार करने की विधि।
गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में बॉडी को जमाने के लिए ठंडा होना जरूरी है। इसके लिए लोग तरह का शरबत बनाकर पीते हैं, शरीर को ठंडा रखने के लिए। इन सीमित शरबत में आप सौंफ का शरबत भी घर बना सकते हैं।
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शरीर को ठंडा रखना क्यों जरूरी है
सूरज की रौशनी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जिस कारण से पराक्रम भी बढ़ता जा रहा है और मौसम में बदलाव भी होता जा रहा है। इस दौरान लोग धूप से बचने के लिए छांव ढूंढते हैं। शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे पसीने का सेवन अधिक से अधिक करते हैं। शिंजी, शरबत, सत्तू, गन्ने का रस, ठंडा पानी, नींबू पानी आदि का इस्तेमाल इस दौरान ज्यादा होता है। शरीर में पानी की कमी न हो पाए इसका पूरा ध्यान रखें।
धूप के संपर्क में आने से शरीर को गर्मी से कई बैक्टीरिया हो सकते हैं। उल्टी, चक्कर आना, त्वचा संबंधी, सिर दर्द, डायरिया, डायरिया जैसे जीवाणु हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि शरीर को ठंडा रखें। इससे शारीरिक स्थिति से बचा जा सकता है।
गर्मियों के लिए खास है सौंफ
इसके अलावा आज हम आपको सौंफ का शरबत बनाने की विधि बता रहे हैं। सौंफ की तासीर ठंडी होती है, जिससे सौंफ का शरबत शरीर को ठंडा रखने में सत्य साबित हो सकता है। इसमें विटामिन, कंपाउंड और कंपाउंड होते हैं।
सौंफ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर को खुशी देता है। सौंफ में कई तरह के खनिज होते हैं। जिसमें विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई, कैल्शियम, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, आयरन जैसे खनिज होते हैं।
कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है
सौंफ का प्रयोग हमारे शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। 10 साल से लोगों की सेहत का चार्ट तैयार कर रहे डाइटीशियन अनुभव सक्सेना के दावे हैं कि सौंफ का सेवन शरीर के लिए काफी बेहतर है। गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के साथ यह खून को भी साफ करता है। इसके अलावा सांस में बदबू, डस्टाइजेशन ठीक करना, वजन कम करना, ब्लड प्रेशर का संतुलित रखना भी यह सिलेंडर है।
नई माताओं के लिए भी सौंफ के सेवन से लाभ होता है। यह स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद करती है। इसी तरह यह स्थिति और त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
सौंफ का सेवन लिवर, पाचन तंत्र, आंखों की स्थिति से भी राहत संबंधी सूचना है। इसमें पाए जाने वाले तत्व इस प्रकार हैं
सौंफ में मौजूद तत्व (दस ग्राम)
कैलोरी – 19.3
फाइबर- 2.3 ग्राम
प्रोटीन – 0.9 ग्राम
कोल – 0 ग्राम
वसा – 0.6 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट – 3 ग्राम
सौंफ का शरबत बनाने के लिए आपको चाहिए
नींबू – दो चम्मच
सौंफ – आधा कप
पुदीना – तीन से चौराहा
गुड या ब्राउन शुगर – स्वाद के अनुसार
काला नमक स्वादानुसार
बर्फ- एक ट्रे

इस तरह तैयार करें सौंफ का शरबत
सौंफ का शरबत बनाने के लिए आपने जो आधा कप सौंफ ली है उसे अच्छी तरह धो लें। जिससे सौंफ में किसी भी प्रकार का कोई कंकड़ या मित्ती न रहे। अब सौंफ को पानी में दो से तीन घंटे के लिए जाम लगाकर रखें।
दो तीन घंटे अच्छी तरह से जाने के बाद इसे निकालकर मिक्सी में डालें। अच्छी तरह मिक्सी में मिक्स हो जाने के बाद बाकी सामग्रियां भी योजनाएँ। जिसमें काला नमक, चीनी, पुदीना, मिलाकर भी 15 से 20 पेपर के लिए मिक्सी चलाएं। अच्छी तरह से मिक्स हो जाने के बाद पेस्ट को प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
अब एक अलग नोट में पानी बदल जाने से इस पेस्ट को मिला कर थोड़ी देर हो जाती है। अब नींबू और हिमज्ञान इसे सर्व करें। गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचने में ये शरबत जादू कर सकता है।
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