
दिल्ली धोखाधड़ी समाचार: दिल्ली के ग्रेटर कैलाश (ग्रेटर कैलाश) थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो युवाओं को छत से तीन लाख रुपये में नौकरी पाने का झांसा देकर उन्हें ठगी को अंजाम देता था। इस मामले में अवरोध की पहचान पवन भारद्वाज के रूप में हुई है। ये मूल रूप से यूपी (यूपी) के अलीगढ़ (अलीगढ़) का रहने वाला है। पुलिस ने अपने कारोबार से 9 मोबाइल फोन, 1 डोंगल, 4 वोटर आईडी कार्ड, 2 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 फर्जी मेट्रो आईडी कार्ड, मेट्रो नोटिफिकेशन फॉर्म, आधार कार्ड और बाइक के 3 फर्जी नंबर प्लेट बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, ठगी 3 लाख में दिल्ली मेट्रो में नौकरी के नाम पर लेखांकन लोगों के साथ ठगी कर चुका है। ये शातिर मुगल 12वीं पास है, लेकिन अपनी बड़ी-बड़ी बातें और मेट्रो अधिकारी होने के कारण लोगों को अपने झांसे में ले लेता था। इसके अलावा इसने दिल्ली मेट्रो के कई फर्जी दस्तावेज, स्टांप पैड और आई कार्ड बना रखा था, जो यह दिखाते हुए कि यह लोगों को बरगलाने में पहुंच गया था।
दुर्घटना ने बनाया था कई फर्जी आईडी
दिलचस्प बात यह है कि पुलिस की चोरी में आने से बचने के लिए इसने कई फर्जी आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाए थे, साथ ही इसने अपनी बाइक में भी फर्जी नंबर प्लेट लगा लिया था। हर बार ये अलग-अलग फर्जी फर्जी आईडी और बाइक के नंबर का इस्तेमाल करता था, जिससे ये पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाता। उनके पास मिले आईडी कार्ड के अनुसार, उनका नाम पवन भारद्वाज उर्फ पवन शिवा ऊँचा रोहित चौधरी है।
पुलिस टीम का गठन किया गया था
पुलिस ने बताया कि, ग्रेटर कैलाश थाने में एक शिकायतकर्ता ने मेट्रो में नौकरी के नाम पर की ठगी की शिकायत दर्ज की थी। अपराध की ग्रेट्राइ को भाते हुए, पंच को गिरफ्तार करने के लिए एसीपी मनु हिमांशु ने ग्रेटर कैलाश थाने के एस वारंट कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें एसआई विनोद भाटी, एसआई वरुण गुलिया, एएसआई मेजर हुसैन, हेड कांस्टेबल सुनील हुड्डा , सुरेंद्र, ललित और संदीप को शामिल किया गया था।
गलत नाम और पहचान की वजह से पुलिस को किया हुआ मशक्कत
पुलिस टीम ने इस शातिर ठग के बारे में सूचनाओं को विकसित कर लेने के लिए जगह- जगह खुलाई की, लेकिन गलत नाम और गुमनाम की वजह से काफी मशक्कत के बाद भी पुलिस इस तक नहीं पहुंच पा रही थी। पुलिस टीम ने हार नहीं मानी और लगातार इसके बारे में पता लगाने में जुटी रही। आखिरकार सूत्रों से मिली जानकारी और कई जगह शामिल होने के बाद पुलिस इस शातिर ठग को दबोचने में कामायाब हुई।
दृश्य को पूरा करने के बाद, भ्राता हो गया
पूछताछ में इसने ठगी की हरकत को अंजाम देने की बात स्वीकार की। इसने बताया कि अब तक ये भरमार से भी ज्यादा ठगी करने वालों को अंजाम दिया जाता है। सेंक्स ने बताया कि वह कुछ ही महीनों के लिए एक स्थान पर रहता था और वहां से नई पहचान के साथ लोगों को शिकार बनाने के बाद बहरा हो गया था। अलग-अलग काम देने के लिए अलग-अलग नाम और अलग-अलग पते का इस्तेमाल करता था, जिस तक पुलिस नहीं पहुंच पाती थी। इस तरह वह कई सालों से ठगी के हरकतों को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने घटना के खिलाफ ठगी के मामले समेत विभिन्न पहलुओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है।
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