
रिपोर्ट : ॐ प्रयास
जल्दी। उत्तराखंड के जनपद में साइबर ठगी के एक से बढ़कर एक मामले सामने आए हैं। ऐन कॉल के झांसे की बात हो या निजी जानकारियां निशाने वाले एप या मैसेज के चक्कर में बदल जाती हैं, लॉग इन सूचनाओं की कमी और लालच में लगातार ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे सभी मामलों के संदर्भ में एसपी क्राइम ने टोल फ्री नंबर के बारे में बताते हुए कहा कि होने पर यदि आप 1930 नंबर पर कॉल करते हैं तो आपको राशि का नुकसान नहीं होगा।
साइबर ठगी को लेकर जब न्यूज 18 ने रैंडी की आईपीएस लाइन यादव से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि ठगी का शिकार अक्सर वे लोग होते हैं, जिन्हें साइबर क्राइम की जानकारी नहीं होती। उन्होंने कहा कि लोगों को कॉल या मैसेज से सावधान रहना चाहिए, जिसमें आपकी निजी जानकारियां दूसरे व्यक्ति के पास जाने के विवरण हों।
सावधान! साइबर ठग कैसे देते हैं झांसे?
— उन मैसेज या कॉल्स से सावधान रहते हुए सामान का लालच दिया जाए
— आपकी लॉटरी लगने की बात कहने वाले संदेश और कॉल फ्रॉड हो सकते हैं
— किसी इनाम या लकी धारणा में संलग्न मोटी रकम देने की बात करने वाले कॉलरों से सतर्क रहें
— बैंक कर्मचारी कोई आपकी निजी जानकारियां बनें तो कान भर कर लें
— सरकारी सूचना बनकर आप आ सकते हैं
— जाने-माने लोग या आपके किसी करीबी की फेसबुक प्रोफाइल फोटो चुराकर ठगी संभव है
यादव ने कहा कि यदि कोई ठगी का शिकार हो जाता है, तो बिना देरी किए 1930 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराएं, जिससे आपके बैंक खाते से राशि कटने से रोक जा सके। उन्होंने कहा कि सभी फोन के पास होता है। फ्रॉड होने पर तुरंत शिकायत इस टोल फ्री नंबर पर दर्ज करें।
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टैग: साइबर धोखाधड़ी, हरिद्वार न्यूज
पहले प्रकाशित : 01 मार्च, 2023, 16:39 IST



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