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खान पैन के खाते के दौर में ग्रॉसिंग फूड्स का टेस्ट भूलते जा रहे हैं। जबकि सर्दियों और लड़कियों का मूल स्वाद किसी भी डेजर्ट और फास्ट फूड से बेहतर होता है। चमकीले और चमकीले तत्वों को प्राप्त करने के लिए हमारे पारंपरिक रसोई में कई व्यंजन मौजूद हैं। ये हलवा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला मीठा व्यंजन है। अलग-अलग चीजों से बनने वाला हलवा बच्चों से लेकर रोमांटिक तक दिया जा सकता है। तो बिल्कुल इसी श्रृंखला में आज पपीते का हलवा बना रहे हैं। इसकी खास बात यह है कि इसे न केवल व्रत-उपवास में खाया जाता है, बल्कि पाचन संबंधी कमजोरी होने पर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आइए जानते हैं पपीते का हलवा बनाने की विधि और स्वास्थ्य के लिए इसका लाभ।
पोषण का भण्डार पपीता है
विटामिन ए, प्रोटीन, खनिज और ल्यूटिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर पपीता छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक के आहार में शामिल किया जा सकता है। छह साल से दारींद गर्ल्स कॉलेज में डाइटीशियन हर्षिता जायसवाल पपीते के फायदों के बारे में बात करते हुए कम हो रहे हैं, “पपीता बालों में डैंड्रफ, सूखी त्वचा, चेहरे पर झुर्रियां, कब्ज सहित अन्य गंभीर रूप से राहत दे सकते हैं। इसके साथ ही हृदय संबंधी बीमारियों से भी राहत मिल सकती है। हालांकि यह सलाद के तौर पर खाना सबसे अच्छा है। यदि आप चाहें तो इसे पारंपरिक रूप से जोड़ सकते हैं, जैसे हलवे के रूप में शामिल कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसका सेवन घर में बच्चे से लेकर बड़े तक कर सकते हैं। कुछ ही देर में इसे तैयार किया जा सकता है।”
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आहार में नमक शामिल करने के कुछ और फायदे जानें
1. कैंसर से बचाता है
डायटीशियन हर्षिता बताती हैं कि पपीता की गिनती औषधीय वर्षा में डाली जाती है। इसके सेवन से कैंसर रोग से बचा जा सकता है। देश की कई प्रमुख जानकारियों ने इस विषय पर शोध भी किया है। एक शोध पत्र के अनुसार पपीते में पेक्टिन कंपाउंड पाया गया है, जो कैंसर रोधी प्रभाव दिखा सकता है। यह कंपाउंड कैंसर की परतों को रोकने के साथ, कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी लाभकारी माना जाता है।
2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है
नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनीसीबीज) के अनुसार कैरोटीनॉयड और पॉलीफेनोल्स होता है। ये दोनों एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। इसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संपर्क (पाचन) की तरह दूर करने के लिए भी जाना जाता है।
3 हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभ है
एनसीआईबीएन के अनुसार चहुँओर पर एक शोध में यह पाया गया है कि कार्डियोटॉक्सिसिटी के रूप में सुरक्षा प्रदान करने वाला प्रभाव पड़ता है। डायटीशियन हर्षिता जायसवाल के अनुसार कार्डियोटॉक्सिसिटी के कारण दिल की मांसपेशियों को नुकसान होता है और वह रक्त को सही प्रकार से पंप करने में सक्षम नहीं होता है। पपीते के काम में कार्डियोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं। दोनों ही कार्डियोटॉक्सिसिटी की स्थिति को दूर कर सकते हैं और हृदय को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
अब तक आप जान चुके हैं कि आपके लिए कितना लाभ है। तो इस हेल्दी सुपरफूड को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए दाखिले तैयार करते हैं पपीते का हलवा।
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हलवा बनाने के लिए आपको चाहिए
पक्का किया गया पपीता एक,
देसी घी दो चम्मच
इलायची पाउडर आधा चम्मच
दूध आधा आधा
केटी ड्राई फ्रूट्स एक चम्मच
एक कप ब्राउन शुगर।

इस तरह बनाएं पपीते का हलवा
पपीते का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले पपीता लें और उसे अच्छी तरह धो लें।
छिलका निकाल कर, उसके बीज संभावना और बड़े-बड़े मकान में काट लें। कटे हुए मोहरे को एक गहरे बाउल में अलग रखें।
एक कड़ाही में थोड़ा सा देसी घृत डालें और उसे माध्यम आंच पर गर्म होने दें। जब घी अच्छे से गर्म हो जाए तो कटे हुए पपीते के टुकड़े इसमें डाल दें।
इसके बाद यह दो से तीन मिनट तक दिखता रहा। जब तक पपीता पूरी तरह से मैश न हो जाए ऐसा करते रहें।
मैश होने के बाद इसमें आधा लीटर दूध मिला। अब दूध को पपीते में पूरी तरह से इंतजार किया जा रहा है। अब इसमें स्वाद के अनुसार देसी खांड या ब्राउन शुगर माने जाते हैं। हालांकि इसमें कुदरती मिठास होती है। पर आप हालांकि इसमें मीठा मिला सकते हैं।
दूध सूख जाने पर पपीते के हलवे में इलाइची पाउडर और झाग। एक मिनट पकाने के बाद सभी ड्राई फ्रूट इसमें डाल दें। जब हलवे से सबसे अच्छी शुरुआत आनी लगे, तो समझ से जुड़ा हुआ हलवा तैयार हो गया है। प्लेट में वैसे और गर्मागर्म प्रतिक्रियाएँ।
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