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जोशीमठ सहित उत्तराखंड के विस्तार वाले क्षेत्रों में हिमवारी

उत्तराखंड के आरक्षित पुष्कर सिंह धामी ने जबरदस्त ठंड को देखते हुए अधिकारियों से जोशीमठ में सुरक्षा की दृष्टिगत से अपने घरों को स्थानांतरित किए गए प्रभाव के लिए निगरानी एवं अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ उत्तराखंड के विस्तार वाले अधिकतर कार्यक्षेत्र में शुक्रवार को हिमपात और बारिश हुई कि कड़ाके की ठंड सहित आपदा की मुश्किलें और दायरा। उत्तराखंड के आरक्षित पुष्कर सिंह धामी ने जबरदस्त ठंड को देखते हुए अधिकारियों से जोशीमठ में सुरक्षा की दृष्टिगत से अपने घरों को स्थानांतरित किए गए प्रभाव के लिए निगरानी एवं अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बृहस्पतिवार देर रात से निकटता वाले क्षेत्र में बर्फ गिरनी शुरू हो गई थी जो अब तक लगातार जारी है।

छोटी रोशनी में रौशनी हो रही है। हिमपात और बारिश के साथ यहां सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जोशीमठ में बृहस्पतिवार रात से बारिश और फिर सुबह से हिमपात शुरू हो गया जिससे राहत और बचाव कार्य भी प्रभावित हुआ। करीब 6000 फुट की उंचाई पर स्थित जोशीमठ के अलावा, बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब साहिब, औली, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य का अधिकांश क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर से सुरक्षित है।

चमोली जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, चमोली जिले के 47 गांव हिमवारी से प्रभावित हैं जिनमें से जोशीमठ सब डिवीजन के 13 गांव शामिल हैं। दुर्घटना में भी झमाझम बारिश हुई जबकि निकट ही स्थित मसूरी में भी मौसम का पहला हिमपात हुआ। मसूरी के पास स्थित धनोल्टी में भी बर्फ की चादर लिपटी हुई है। उद्र,बर्फवारी से जोशीमठ में चल रहा राहत और बचाव कार्य भी प्रभावित हुआ।

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि असुरक्षित घोषणाएं और निजी मकानों को तोड़ने का कार्य खराब मौसम के कारण अस्थाई रूप से रोका गया। अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ में दरार वाले तारों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है जिनमें से 181 को असुरक्षित घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक जोशीमठ में 269 अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं जिनके सदस्यों की संख्या 900 है। उद्र, उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री, यमुनोत्री, हरसिल, मुखबा, दयारा बुग्याल और सांकरी में भी जमकर हिमवारी हुई। ताजा हिमवारी से गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर को विशिष्ट के अलावा-सुआखोली और उत्तरकाशी-लंबगांव मोटर मार्ग के लिए देखा गया।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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