
ज्यादातर लोगों के मन मे स्ट्रेटन और फैसले होते हुए दूध को लेकर सवाल रहता है कि दूध को किस तरह से ज्यादा लेते रहेंगे। कुछ लोग रिपोर्ट दूध को पीने की सलाह देते हैं, तो कुछ लोग होने वाली दूध को अधिक लाभ लेते हैं। ऐसे तो मिलना बिल्कुल सामान्य है। पोषक तत्वों से भरपूर दूध के कई फायदे होते हैं, लेकिन गलत समय और गलत तरीके से ये सेवन स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। इसलिए इन तत्वों का लुत्फ उठाने के लिए दूध पीने का सही समय और तरीका होना जरूरी है। आज हम आपके लिए दिखाते हैं और गिराते हैं दूध से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट।
भारतीय योगा गुरु, योगा संस्थान के निदेशक और टीवी के दिग्गज हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने सर्वेट दूध और दूध पीने के सही तरीकों के बारे में बताया है। तो जानिए, इसके बारे में विस्तार से।
सबसे पहले जानें कच्चा दूध और परिणाम होने वाले दूध में से कौन सा दूध ज्यादा बेहतर है
स्टार दूध को डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है
वैज्ञानिक के अनुसार दूध में कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन डी की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। साथ ही यह हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता है। और हेल्दी स्लीप को भी प्रमोट करता है। आयुर्वेद के अनुसार दूध में ऑयली और कूलिंग गुण पाए जाते हैं। कच्चा दूध स्वास्थ्य के लिए तो काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसे पचाना मुश्किल है।

दूध के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद
ऐसे में आयुर्वेद के अनुसार गाय के दूध को डाइजेस्टिव फ्रेंडली बनाने के लिए पीने से पहले प्राथमिक सलाह दी जाती है। सितारों को दूध को पीने से पाचन क्रिया ठीक तरह से काम करते हैं इसके जरूरी तत्वों को शरीर के सभी जीवों तक पहुंचाते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार सर्वे दूध में कई गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जैसे कि ई कोली बैक्टीरिया, लिस्टेरिया और साल्मोनेला। लेकिन इन्हें आप रॉ नहीं ले सकते। इसलिए दूध को कच्चा पीने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। दूध पीने से उल्टी, डायरिया और अन्य प्रकार की आंतों में रॉब्लम हो सकता है। इसलिए हमेशा दुग्धपान ही बेहतर होगा।
यदि आप गर्भवती हैं, तो सर्वेक्षण दूध से पूरी तरह से बचने की कोशिश करें। इसके साथ ही बच्चा और बुजुर्ग भी इसकी सेवन न करें। वहीं यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है या उनका मुक्त तंत्र कमजोर है, तो सर्वेक्षणों से पूरी तरह से बचना जरूरी है।
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दूध पिलाने का सही समय क्या है
जानकार के अनुसार वयस्कों को रात के बिस्तर पर जाने से पहले दुग्धशाला में जाना चाहिए। यह उनका डाइजेशन को संतुलित रखता है। साथ ही उन्हें अच्छी नींद लेने में भी मदद मिलती है।
बच्चों को सुबह उठकर दूध पीने की सलाह दी जाती है। यह उनके शरीर को ठीक करता है और उन्हें जरूरी पोषण प्रदान करता है।

इन विधियों से दूध का पोषण मूल्य बढ़ सकता है
जानकारों के अनुसार ऐसे कई खास दिनचर्या हैं, जिन्हें दूध में मिलाकर पीने से आसानी से पचाया जा सकता है। यदि दूध सही से पच जाए, तो यह शरीर को पोषण प्रदान करता है। उसी के साथ माइंड को भी रैश करता है।
इसके लिए अपने नियमित गर्म दूध के कप में एक चुटकी मिर्च पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर दोनों को अच्छी तरह मिला। यह दूध को आसानी से डाइजेस्ट होने में मदद करेगा।
वहीं किसी और दिन स्वाद को बदलने के लिए इलायची और दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह दोनों भी पाचन प्रक्रिया के लिए काफी लाभ माने जाते हैं।
तेजी से बढ़ते हुए अदरक और अदरक पाउडर को बढ़ते दूध में भी काफी हद तक लगाया जा सकता है।
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