लेटेस्ट न्यूज़

यहाँ गठिया के मिथक और तथ्य हैं, – यहाँ गठिया के मिथक और तथ्य हैं

इस खबर को सुनिए

आर्थराइटिस (गठिया) का नाम जुबान पर ही घुटनो में आता है, खींची हुई तकलीफ और जकड़न की तस्वीरें जेहन में उभरती हैं। कई तरह के गठिया के लोग अपनी चपेट में ले रहे हैं। बड़ी तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हैं। मगर ज्ञान की कमी और सही डॉक्टरी सलाह न मिल पाने के कारण लोग इस सच्चाई से बहुत दूर हैं। आइये हैं इससे जुड़े मिथक और तथ्य (गठिया के मिथक और तथ्य)


आर्थराइटिस यानी गठिया एक ऐसा रोग है, जिसमें ज्वाइंट्स में दर्द और सूजन की समस्या रहती है। खान पैन के गलत जोखिम और सही लाइफस्टाइल न होने के कारण लोग इस बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं। इसके अलावा किसी संक्रमण या चिकन गुनिया के कारण भी रोग होने की संभावना रहती है। साथ ही यूरिक एसिड (Uric acid) बढ़ने के कारण भी यह बीमारी आपको अपनी चपेट में ले लेती है। ये बड़ी बीमारी के साथ बच्चों को भी प्रभावित करता है।

इस बारे में जानकारी देने के लिए हमारे साथ हैं आर्टिमिस अस्पताल गुरुग्राम में सीनियर फिजिशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन

समरूपता, मुक्त प्रणाली कमजोर होने, मेटाबोलिक दर में परिवर्तन से गठिया हो सकता है। चित्र : आदी स्टॉक

1 अर्थराईटिस कभी ठीक नहीं होने वाला रोग है?

आमातौर पर ऐसा माना जाता है कि अर्थराईटिस एक ऐसा रोग है, जिसका कोई इलाज नहीं है। मगर निगरानी की तो नियमित डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और डॉक्टरी इलाज की मदद से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।

2 शब्दों को ट्विस्ट करने से होती है समस्या

बहुत से लोगों की फील की बॉन्ड्स को ट्विस्ट करने से उँगलियों के जोड़ों पर उसका असर देखने को मिलता है उनके मुताबिक बंधे को चटकाने से जोड़ों में दर्द की राह बढ़ती जा रही है। हालांकि ये मान्यता पूरी तरह से गलत है। आर्थराइटिस की संभावना बढ़ जाती है। मगर ये पूरी तरह से गलत है। दरअसल, निशान को चटकने से न ही रद और सूजन दिखाई देता है और न ही अर्थराईटिस का खतरा बना रहता है, अगर आपको कोई चोट न लगे।

3 अर्थराईटिस में व्यायाम नहीं कर सकते

ज्वाइंट पैन होने के कारण वात रोग व्यायाम में गलत माना जाता है। दरअसल, अर्थराईटिस के कारण बॉडी पैन रहता है। इससे चढ़ने और चलने में परेशानी होती है, इस बारे में डॉक्टरों को लगता है कि इस समस्या से बाहर आने के लिए पैदल चलना आवश्यक है।

विश्व गठिया दिवस
जानिए उम्र से पहले होने वाले गठिया से आप कैसे बच सकते हैं। चित्र ; एक्सपोजर

4 उम्र में होने वाली बीमारी है

अर्थराईटिस एक ऐसी बीमारी जो उम्र बढ़ने में ही नहीं बल्कि बचपन में भी हो सकता है। छोटे बच्चों को भी अपनी चपेट में लेने वाला यह बिमारी कई बार फ़्लिप के ज़्यादा इन्टेक से भी बढ़ जाता है।

5 हर दर्द आर्थराइटिस है

जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है, जो दीवार के साथ कम उम्र के लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। मगर हर रद को अर्थराईटिस से जुड़ना गलत है। जी हां किसी भी तरह के इलाज से पहले वो चाहे डॉक्टरी हो या घरेलू बीमारी की जांच करवाना बेहद जरूरी है। क्यों हर र्ददारायटीस नहीं हैं।


6 इसमें डाइटिंग से कोई सुधार नहीं होता है

ऐसा भी माना जाता है कि डाइटिंग में बदलाव से आर्थराइटिस के खतरे कम नहीं हो सकते। अनुसंधान की शर्तों को डाईट में फलों, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, मछली और जैतून के तेल सहित आवश्यक पदार्थों को शामिल करके अर्थराईटिस के रद को दूर किया जा सकता है। आहार में विटामिन सी, विटामिन बी, जिंक और कॉपर को मिलाकर इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।

यहां जानिए अर्थराईटिस के प्रकार

ऑस्टियोआर्थराइटिस

आर्थराइटिस किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस बढ़ती उम्र के साथ किसी के हताहत होने का शिकार होने की भी संभावना रहती है।

रूमेटाइड गठिया

यह एक ऐसा आर्थराइटिस है, जिसके कारण शरीर में इंफेक्शन बढ़ रहा है। चिकन गुनिया भी एक कारण साबित हो सकता है। इसके कारण हर थकान का अनुभव होने लगता है।

बच्चों का गठिया

16 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी देखने को मिलती है। इससे मांसपेशियों में जकड़न और सूजन बनी रहती है। किशोर गठिया के नाम से प्रचलित ये बीमारी हड्डियों को नष्ट करने का काम करती है।

आर्थराइटिस के लक्षण

तेज दर्द
लाली का होना
जकड़न महसूस हो रही है
हिलने-डुलने में समस्या
लंग्स प्रॉब्लम और ब्रीदिंग प्रॉब्लम

ये भी पढ़ें- आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर कर सकता है, मोटापा बढ़ सकता है डेली रूटीन और डिकेक्स के ये 5 गलतियां

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page