जब विज्ञापनों का जोर च्यवनप्राश से पहले घरों में प्रयोग में नहीं लाया जाता था। हालांकि तब किसी बड़े ब्रांड के नाम से नहीं, बल्कि आयुर्वेद संख्या से लोग देसी च्यवनप्राश बनवाया करते थे। च्यवनप्राश के बारे में प्रचलित है कि बुजुर्ग ऋषि च्यवन खुद को युवा बनाना चाहते थे। उन्होंने कई तरह की जड़ी-बूटियों को पीसकर एक मिश्रण तैयार किया। इससे न सिर्फ वे युवा वापस आ गए, बल्कि उनकी आंखों की रोशनी भी ठीक हो गई। मां कहती हैं कि पोषक तत्वों से भरपूर जड़ी-विचार और वरीयताओं से तैयार च्यवनप्राश रोग संबंधी क्षमता प्राप्त होती है। जिससे आप किसी संक्रमण से बचे रहते हैं। क्या डायरेक्ट इम्युनिटी डाइटिंग करने में च्यवनप्राश से जुड़ा है? आइए जानते हैं वेदास क्योर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ। विकास चावला से।
क्या कहते हैं च्यवनप्राश पर की गई रिसर्च
च्यवनप्राश पर कई रिसर्च की जा चुकी है। बायोमोलिक जर्नल में प्रकाशित यह विशेष रूप से शोध है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग के रोहित शर्मा और अन्य स्रोतों ने च्यवनप्राश का अध्ययन किया। यह एक वैज्ञानिक है। यह पोषक तत्वों से भरपूर संभावनाओं और लिपियों के मिश्रण से बना है।
यह उम्र बढ़ने के क्रम को रोकने में मदद कर सकता है। यह जीवन शक्ति (ओजस) को बहाल करने और जीवन शक्ति को बनाए रखने में सक्षम है। च्यवनप्राश को लगभग 50 औषधीय-शाख और उनके अर्क को जलाकर तैयार किया जाता है। इसमें प्रमुख घटक, आंवला (भारतीय करौदा) शामिल है, जो विटामिन सी का सबसे समृद्ध स्रोत है। च्यवनप्राश में हर प्रकार का काढ़ा और अर्क तैयार किया जाता है। इसे शहद और जड़ी-बूटियों के पाउडर (लौंग, इलायची और दालचीनी) के साथ भी प्रसारित किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले हर्ब विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो फ्री सिस्टम को बढ़ावा देने में सक्षम है।
आयुष मंत्रालय भी च्यवनप्राश की ज्वाइनिंग करता है
वेदास क्योर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विकास चावला कहते हैं, ‘च्यवनप्राश का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभ है। विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में होने वाले आंकड़े इससे मिलते जुलते हैं, यह रामबाण की तरह काम करता है। यह रोग संबंधी क्षमता को न्यूनीकृत करता है।
आयुष मंत्रालय ने भी कोरोना वायरस महामारी के प्रति समानता क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिदिन च्यवनप्राश के सेवन की सलाह दी। कोरोना वायरस महामारी के दौरान टीका उपाय नहीं होने पर कई अन्य निवारक करने के अलावा, लोगों को इससे क्षमता बढ़ाने के लिए उपलब्ध च्यवनप्राश लेने को कहा गया।
यहां हैं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए च्यवनप्राश के फायदे (chyawanprash benefits)
डॉ. विकास कथन हैं, ‘च्यवनप्राश में प्रतिरक्षात्मकता वाले पोषक तत्व मौजूद हैं। इसलिए ठंड में इसे नियमित रूप से खाया जाता है। इसके कई फायदे हैं।
1 यह श्वासनली को साफ करता है।
2. पाचन में सुधार और कब्ज को कम करता है।
3. यह ऊर्जा के स्तर को प्राप्त करता है।
4. रक्त को शुद्ध करता है और पदार्थों को निकालता है।
5. यह रक्तचाप को सामान्य करता है।
6. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है।
7. सर्दी, खांसी, फ्लू और कफ हो जाने पर च्यवनप्राश खाद्य पदार्थ होते हैं।
8 अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं तो च्यवनप्राश खाने से आपको फायदा हो सकता है।
9 छोटे बच्चों में होने वाली कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं च्यवनप्राश कर सकती हैं।’
घर पर भी आसानी से तैयार हो सकते हैं च्यवनप्राश (How to make chyawanprash at home)
डॉ. विकास के आंकड़े हैं, ‘घर पर च्यवनप्राश बनाने में केवल 40 मिनट का समय लगेगा। इसे 10 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के साथ वयस्कों तक दिया जा सकता है।
च्यवनप्राश बनाने के लिए आधा किलो आंवला, एक कप गुड, 5 चम्मच ग्रीस, ट्रैशभर (बिना बीज के) और 11 से 12 स्लिपर खजूर (बिना बीज के) की जरूरत होगी।
इसमें मोटे तौर पर 6 -8 हरी इलायची, 9 -10 काली मिर्च के दाने, एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चम्मच सौंफ, तीन-चार केसर के टुकड़े, आधा चक्र फूल (स्टार अनीस), एक चम्मच जीरा और 8 -9 लौंग लें। मोटे तौर पर 100 ग्राम च्यवनप्राश आसानी से बनाया जा सकता है।’
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