
देश पहले मुस्लिम राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन
नई दिल्ली: भारत के इतिहास में अब 15 राष्ट्रपति हो चुके हैं। आपको देश के पहले और मौजूदा राष्ट्रपतियों के नाम तो याद होंगे लेकिन इस सूची के बीच के नाम को याद करने के लिए काफी मशक्कत कर लेंगे। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे तो वहीं मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं। लेकिन आपको क्या पता है कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन थे और आज उनकी जयंती है।
1926 से लेकर 1948 तक जामिया के रूट चांसलर रहे
डॉ. जाकिर हुसैन स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति और प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति का कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। केवल 23 साल के राज्य में वे ‘जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय’ की स्थापना दल के सदस्य बने। उनकी गिनती दुनिया के जानेमाने अर्थशात्रियों और शिक्षा में की गई थी। वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के 1926 से लेकर 1948 तक एजेंसी चांसलर भी रहे हैं।
1963 में किए गए भारत को रत्न से सम्मानित किया गया
1948 के बाद डॉ हुसैन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार चांसलर बने रहे, उनकी शिक्षा की नई ऊंचाइयां भी संचालित कीं। शिक्षा में उनकी सेवाओं के लिए 1954 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से नावाज और 1952 से 1957 तक वे शिक्षा में विशेष अधिकार रखने के लिए संसद में नामित भी किए गए। 1962 में वे देश के उपराष्ट्रपति चुने गए, जिसके बाद अगले साल उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
1967 में राष्ट्रपति बने थे
जाकिर हुसैन ने 13 मई 1967 को भारत के तीसरे और पहले मुस्लिम राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। राष्ट्रपति बनने से पहले जाकिर हुसैन उप राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त थे। गंभीर याचिकाएं गांधी चाहते थे कि उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाए। जबकि, 1967 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में। कामराज डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति को फिर से बनाना चाहते थे और उन्हें लगातार उप राष्ट्रपति बनाना चाहते थे। हालांकि काफी विस्तार और विवाद के बाद इंस्पिरेशन गांधी जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनवाने के लिए। जिसके बाद जाकिर हुसैन 3 मई, 1969 को उनका देहांत हो गया।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें