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पूर्व केंद्रीय मंत्री नकवी का राहुल गांधी पर निशाना, कहा- अपने खानदान के पतन से अवसाद में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं

राहुल गांधी ने हाल ही में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी एक व्याख्या में कहा था कि भारत में लोकतंत्र में तबाही है। सहयोगियों की पहचान दर्ज की जा रही है। ऐसे मामलों में मुकदमा पंजीकृत हो गए हैं जो बनते ही नहीं हैं। मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है।

रामपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधान मंत्री अब्बास नकवी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधे हुए रविवार को कहा कि वह अपने खानदान के सियासी पतन से अवसाद में हैं और वह मानते हैं कि प्रजातंत्र परिवार तंत्र का ही गुलाम रहना। नकवी ने यहां से बातचीत में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने दुनिया की सबसे ताकतवर देशों के संगठन जी—20 की अध्यक्षता में भारत की संसद को विदेशी सरजमीन पर अपमानित किया है।

नकवी ने कहा कि उन्हें पूरे देश से बिना शर्त जोक मांगनी चाहिए। राहुल पर अवसादग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए नकवी ने कहा, ”आज डायनेस्टी (वंश) केमोलिश (खत्म) उनमें से (राहुल) अवसाद (अवसाद) आ गया है। जो गिर रहा है, वह उसी से परेशान है। उनका मानना ​​है कि प्रजातंत्र परिवार तंत्र का ही गुलाम रहना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया, ”राहुल निर्वाचित होने की कोशिश में सभी मर्यादा भूल गए। यह भी समझ में नहीं आ रहा है कि 2024 हो या उसके आगमन के दिन, देश की तकदीर और तस्वीर अब यह परिवार तंत्र नहीं बल्कि प्रजातंत्र ही तय करेगा।

राहुल पर सीनाजोरी का आरोप नकवी ने कहा, ”कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को भारत को और भारतीय संसद को बदनाम करते हैं, उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने का काम करते हैं। बाद में उन्होंने सीनाजोरी करते हुए कहा कि हमने जो कहा, वह सही कहा। जब तक यह सामंती गुरूर रहेगा, तब तक उनका यही हाल रहेगा। अटैचमेंट है कि राहुल गांधी ने हाल ही में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक व्याख्या में कहा था कि भारत में लोकतंत्र में लोकतंत्र है। सहयोगियों की पहचान दर्ज की जा रही है। ऐसे मामलों में मुकदमा पंजीकृत हो गए हैं जो बनते ही नहीं हैं। मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है। दलितों और अल्पसंख्यकों तथा आदिवासियों पर हमले किए जा रहे हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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