
चुनाव से लोगों की सरकार बनती है और उनके मुद्दों का समाधान होता है। एक उपराज्यपाल ऐसा नहीं कर सकता। ”निर्वाचन सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को पूर्वाग्रहों के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरजीवी) आयोग का प्रारूप।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने ही चाहिए क्योंकि उपराज्यपाल के प्रशासन के लोगों के मुद्दों को हल नहीं कर सकते। फारूक अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में दस्तावेजों से कहा कि चुनाव लोगों की सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा, ”चुनाव होने ही चाहिए। चुनाव से लोगों की सरकार बनती है और उनके मुद्दों का समाधान होता है। एक उपराज्यपाल ऐसा नहीं कर सकता। ”निर्वाचन सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को पूर्वाग्रहों के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरजीवी) आयोग का प्रारूप।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसबैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस भी हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा, ”उन्हें आमंत्रित करें। हमारी पार्टी भी होगी। हम सुनेंगे कि उन्हें क्या कहना है, हम भी वही कहते हैं जो हमें कहता है। जाने पर इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ना होगा। उन्होंने कहा, “यह कुछ नया नहीं है और हथियार हमारे समय में भी दिए गए थे (जब जम्मू-कश्मीर में नेकां की सरकार थी)।
आतंकवाद से लड़ना होगा।” एक रिपोर्टर के इस सवाल पर कि अगर भारत जोड़ो यात्रा के यहां बंदरगाह पर सोनिया गांधी मंच पर समस्याएं हैं, तो क्या लेखा-जोखा-370 की बहाली का दावा किया जाएगा, अब्दुल्ला ने कहा, ”आप (अनुच्छेद)-370 की बहुत चिंता है। ” उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा देश भर में विभिन्न समुदायों के बीच द्वेष को दूर करने के लिए आयोजित की जा रही है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”यह यात्रा किसके लिए आयोजित की जा रही है? यह धार्मिक समुदायों के बीच द्वेष को दूर करने के लिए यात्रा करता है। हम सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध एक साथ रहते हैं। इसी के लिएराहुल गांधी इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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