
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी विजय भाटिया को सोमवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया। एक दिन पहले दिल्ली से गिरफ्तार किए गए भाटिया को रविवार को कोर्ट में पेश कर 1 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था। अब ACB-EOW ने कोर्ट से 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड की मांग की है।ACB जज की छुट्टी, दूसरे कोर्ट में पेशी की तैयारी
रविवार को अवकाश होने की वजह से स्पेशल कोर्ट बंद थी। ऐसे में आरोपी को रिमांड कोर्ट में पेश किया गया। सोमवार को स्पेशल ACB कोर्ट के जज की छुट्टी के चलते विजय भाटिया को अन्य कोर्ट में पेश किया गया।
EOW की ताबड़तोड़ कार्रवाई: भिलाई-दुर्ग में मारे छापे, कई दस्तावेज जब्त
EOW ने रविवार सुबह दुर्ग-भिलाई में भाटिया के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। भिलाई के नेहरू नगर स्थित निवास में सुबह 6 बजे ACB-EOW की 7 सदस्यीय टीम पहुंची। घर की घेराबंदी कर परिजनों और कर्मचारियों से पूछताछ की गई। टीम को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनकी जांच जारी है।
2 साल से था फरार, अब आया गिरफ्त में
जानकारी के अनुसार, भाटिया 2 साल से फरार था। वर्ष 2022 में ED द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिला था। आखिरकार दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद अब EOW की रडार पर है।
घोटाले की पृष्ठभूमि: 2100 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई
इस घोटाले की जांच ED व ACB कर रही है। अब तक की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2019 से 2022 के बीच आबकारी विभाग में हुए इस कथित भ्रष्टाचार से सरकार को 2100 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।
ED की FIR में बड़े नाम: IAS, मंत्री और कारोबारी शामिल
ED द्वारा दर्ज एफआईआर में IAS अनिल टुटेजा, आबकारी MD एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, और तत्कालीन मंत्री कवासी लखमा के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। आरोप है कि शराब की खरीद-बिक्री, डुप्लीकेट होलोग्राम, कच्ची शराब की अवैध बिक्री और कमीशन के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।
FL-10 लाइसेंस घोटाले का केंद्र
ED के अनुसार, FL-10 और FL-10A लाइसेंस के जरिए विदेशी शराब की खरीदी, भंडारण और सप्लाई में भारी गड़बड़ी की गई। इस लाइसेंस के नाम पर कई कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया और सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
कवासी लखमा पर गंभीर आरोप
ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को “सिंडिकेट का अहम हिस्सा” बताया है। आरोप है कि उन्हें हर महीने 2 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में मिलते थे। यह राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में खर्च हुई।
12 दिन पहले 39 ठिकानों पर एक साथ छापे
ACB और EOW की टीमें 12 दिन पहले छत्तीसगढ़ के 39 ठिकानों पर एक साथ पहुंची थीं। इन स्थानों से 90 लाख नकद, सोना-चांदी, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। कार्रवाई में दुर्ग, भिलाई, धमतरी और महासमुंद जैसे जिलों को टारगेट किया गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
इस घोटाले को लेकर राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ED की छापेमारी को “जन्मदिन का तोहफा” बताया था। उन्होंने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप लगाया था।
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