निवाड़ी/भोपाल: मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान इन दिनों पूरी कार्रवाई में हैं। जातियां दुरुस्त करने और सरकारी प्रशासन में कसावट लाने के लिए वे सही निर्णय पर भी हैं। ऐसा ही कुछ हुआ निवाड़ी जिले के गढ़कुंडार महोत्सव में जहां उन्हें कलेक्टर तरुण भटनागर और ओरछा के तहसीलदार संदीप शर्मा की जाम मिलने पर दोनों को हटाने का आदेश दिया। अजमेर चौहान बुधवार को महाराजा खेरसिंह खंगार की जयंती पर गढ़कुंडार महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, मैं जब यहां आया, तो मुझे कुछ स्मोक मिला। महाराजा खेरसिंह खंगार भी अपनी जनता की बेहतर सेवा करते थे। लोकतंत्र में हम अपनी जनता के सेवक हैं। मैंने निवाड़ी को जिला बनाया। यह मुझे जिला प्राणों से संबंधित है।
मैं निवाड़ी जिले के कलेक्टर को कवर प्रभाव से हटाता हूं- शिवराज
चौहान ने अपनी बात को आगे बढ़े कहा, यहां की जनता की बेहतर सेवा हो, इसका प्रयास हम करते हैं। लेकिन कुछ गंभीर शिकायत मुझे जनता के बीच से मिली है। मैं किसी का नज़रअंदाज़ नहीं करता, लेकिन जो नज़रअंदाज़ करेगा, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। मैं निवाड़ी जिले के कलेक्टर को कवर प्रभाव से हटाता हूं। उन्होंने आगे कहा, छाया में जमीन की खरीद का काम चल रहा है, एक तहसीलदार भी हैं, उनकी भी खबर मेरे पास है। मैं उसकी जांच भी करवा लेता हूं, इन तहसीलदारों का भी प्रभाव से हटा दिया जाता है। अगर यहां नोटिस हो, तो कमिश्नर की भी ड्यूटी है कि जांच करें।
सीएम को ही कलेक्टर से सम्मानित किया गया था
बता दें कि पृष्ठ शिवराज सिंह चौहान निवाड़ी के कलेक्टर ने तरूण भटनागर को हटा दिया, उन्हें करीब एक महीने पहले खुद को सम्मानित किया गया था। इसलिए ही नहीं, कलेक्टर को उत्कृष्ट कार्य करने के कारण 10 लाख रुपये का इनाम भी मिला था। बुधवार को अचानक भोपाल ने प्लेटफॉर्म से कहा कि मैं निवाड़ी कलेक्टर को हटा रहा हूं। 7 नवंबर को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की दो योजनाओं में निवाड़ी जिले की पर्यटन नगरी ओरछा नगर परिषद ने पूरे प्रदेश में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इसके सीएम लेकर शिवराज ने निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर, नगर परिषद अध्यक्ष शिशुपाल सिंह और मुख्य नगर पालिका अधिकारी का सम्मान किया था।
‘महाराजा खेरसिंह जब तलवार दौड़ते थे, तब पत्थरों में भी दरार आ जाती थी’
सीएम ने महाराजा खेरसिंह खंगार का जिक्र करते हुए कहा, वे अद्भुत योद्धा थे। जब मुहम्मद तुगलक ने यहाँ आक्रमण किया, तो उसके नामांकित कर दिए महाराजा ने। खंगार क्षत्राणियों ने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए किले में बने अग्निकुंड में जोहार किया था। मैं उन्हें प्रणाम करता हूं। वीरांगना केसर ने भी वीरतापूर्वक लड़ने के बाद अपने आप को अग्निकुंड में समर्पित कर दिया था। साइट ने आगे कहा कि गढ़कुंडार वीरों की भूमि है। यह शूरों की भूमि है, इस बलिदान की भूमि है, इस भूमि को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं। कहते हैं कि महाराजा खेरसिंह जब तलवार दौड़ रहे थे, तब पत्थरों में भी दरार आ गई थी।