छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रवर्तन प्रवर्तन यानी ईडी ने आज सोमवार को 121 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त की। इनमें छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर और अन्य की संपत्ति शामिल है। बता दें कि ईडी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में दूषित शराब की ‘हर बोतल’ पर अवैध रूप से धन एकत्रित किया गया और रायपुर मेयर एज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की भ्रष्टाचार वाले शराब सिंडिकेट की ओर से 2000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार धनशोधन के साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं।
30-40% अवैध देसी शराब बेचने का दावा
छत्तीसगढ़ में 6 मई को व्यापारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने कोर्ट में रिमांड पेपर में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ की सरकार की 800 दुकानों में 30 से 40 प्रतिशत अवैध देशी शराब का कब्जा हो गया है, ये एक सिंडिकेट था, जिसे वर्कर अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा जैसे लोग दौड़ते थे। इस सिंडिकेट ने 3 साल में राज्य को 2000 करोड़ रुपये का चूना लगाया।”
अभियोग में अनवर ढेबर
कोर्ट ने 19 मई को अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित को 14 दिन की इल्जाम में भेज दिया। वहीं, राज्य के आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लों अर पप्पू की ईडी जमा 23 मई तक बढ़ा दी गई है। ईडी ने इस मामले में सबसे पहले 6 मई को रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद रायपुर स्थित गिरिराज होटल के प्रमोटर पुरोहित और शराब व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया गया। अरुणपति त्रिपाठी को जांच एजेंसी ने 12 मई को गिरफ्तार किया था।
– आलोक शुक्ला की रिपोर्ट
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