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चार धाम यात्रा 2023 तीर्थ पुरोहित अन्न द्वारा पंजीकरण और भक्तों की संख्या पर विवाद

चार धाम यात्रा 2023 पंजीकरण: उत्तराखंड (उत्तराखंड) में चारधाम यात्रा (चार धाम यात्रा) के लिए हो रहे पंजीकरण (Ragistraion) और यात्रियों की संख्या को लेकर विवाद हो गया है। एक तरफ सरकार ये योजना बना रही है कि चारों धामों में यात्रियों की संख्या बढ़ा दी जाए, ताकि कैरिंग, कैपेसिटी के होश से ही धाम के चारों ओर यात्री पहुंच सकें। अन्यथा चारों धामों में व्यवस्था बनी हुई, लेकिन दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहित (तीर्थ पुरोहित) इसके विरोध में उतर गए हैं, उनका कहना है कि सरकार चार धाम यात्रा को लेकर नए-ना प्रयोग कर रही है पंजीकरण अनिवार्य होने की वजह से जिम्मेदारों को परेशानीएं हो रहे हैं।

चारधाम यात्रा के लिए जाने वाले रजिस्ट्रेश और यात्रियों की संख्या निर्धारित करने को लेकर तीर्थ पुरोहित दुखी जा रहे हैं। चारधाम महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर नए-नए प्रयोग और पंजीकरण को जरूरी बनिना देने की वजह से दर्शकों को परेशानी हो रही है, क्योंकि स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी लोगों के पंजीकरण को भी अनिवार्य किया गया है। उनका कहना है कि कई लोग ऐसे हैं जो पंजीकरण की प्रक्रिया को नहीं जानते हैं, ऐसे में सरकार उन्हें यात्रा पर आने से रोक रही है। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने धामों में यात्रियों की संख्या में शामिल होने का भी विरोध किया है।

विवाद पर क्या बोले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

दूसरी तरफ यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल ने भी यात्रियों की संख्या निर्धारित किए जाने पर आपत्ति जताई है। वे मांग की कि यात्रा में कैरिंग-कैपेसिटी के होश से संबंधियों को नहीं आना चाहिए, इससे स्थानीय लोगों को नुकसान होता है और यात्रा भी ठीक से नहीं दिखती है। इन तमाम विरोधों के बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की भी बड़ी बयानबाजी सामने आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चार धाम यात्रा क्षमता के हिसाब से होगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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