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Bhuban Badyakar 2022 तब चर्चा में आए थे, जब सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में भुबन बाद में घूमते-घूमकर मूंगफली पहचान और ‘काचा बादाम’ गाते नजर आ रहे थे। यह वीडियो लोगों को इस कदर पसंद आया कि आग की तरह फैल गई और भुबन की रात के सितारे बन गए। फिर तो देश के कोने-कोने से लोग भुबन बादायकर से मिलने और उनके साथ वीडियो बनाने पहुंचे।
भुबन नेशिकीय रिकॉर्ड, रिकॉर्ड किए गए गाने
भुबन के हालात तो उन्होंने यह गाना न सिर्फ रिकॉर्ड किया, बल्कि पैसे भी कमाए और गाड़ी तक पहुंचे। लोग भी भुबन जाने के बाद साथ-साथ ‘काचा बादाम’ पर खूब रीलें बना रहे थे। अंजलि अरोड़ा भी पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्हें ‘काचा बादाम’ की रील पर डांस करते देखा गया।
दूर-दूर से मिलने वाले थे लोग, अब कमाई बंद
भुबन बादायकर के ‘काचा बादाम’ से बचे हुए लोग मशहूर हो गए, पर अब खुद भुबन को कमाई के लाले पड़ गए हैं। ‘बांग्ला आजतक’ से बातचीत में भुबन बादायकर ने बताया कि अब उनके गाने ‘काचा बादाम’ पर कॉपीराइट आ रहे हैं, जिससे उन्हें बड़ी परेशानी हो रही है। इस वजह से भुबन को अब कामवासना बंद हो गई है। शोज नहीं मिल रहे हैं तो कमाई भी नहीं हो रही है। अपनी हालत बताएं।
गोपाल नाम के शख्स ने ठगा? यह मामला है
भुबन बादायकर ने कहा कि गोपाल नाम के एक शख्स ने उन्हें 3 लाख रुपये दिए और विश्वास जताते हुए कहा कि वह ‘काचा बादाम’ गाने को अपने यूट्यूब चैनल पर चलाएगा। लेकिन अब स्थिति यह है कि भुबन जब भी और जहां भी यह गाना गाते हैं और उसे अपने चैनल पर दे रहे हैं तो कॉपीराइट आ जाता है। भुबन बादायकर के मुताबिक, जब उन्होंने इस बारे में गोपाल नाम के उस शख्स से पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कॉपीराइट क्लेम खरीदा है।
भुबन ने दर्ज किया विवरण मामला
भुबन बादायकर ने बताया कि गोपाल नाम के व्यक्ति ने उनसे कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी किए थे। चूंकि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए समझ नहीं आया कि उनमें से क्या लिखा है और किस पर साइन कर रहे हैं। इसके बाद भुबन बादायकर ने इस संबंध में शिकायत दर्ज की थी। मामला अभी कोर्ट में है। अब कोर्ट तय करेगा कि कृषि के जिन कागजों पर हस्ताक्षर किए गए थे, वो गलत थे या फिर धोखाधड़ी या जबरदस्ती के तहत करवाए गए थे।
भुबण टाइकर की चिंता
भुबन बादायकर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ‘काचा बादाम’ गाकर मूंगफली पहचानते थे। बंगाली भाषा में मूंगफली को ‘बादाम’ कहा जाता है। भुबन ने बाउल के प्रसिद्ध धुनों पर ‘काचा बादाम’ गाकर ने गीतों का रूप दे दिया था। भुबन को अब इस बात की चिंता सता रही है कि सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो कहीं उन्हें फिर से मूंगफली न बेचनी पड़े। उन्हें चिंता है कि वह परिवार का पेट कैसे भरेंगे? भुबन मयकर के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं। उसी समय प्रसिद्ध होने के बाद बंगाल में भुबन बाड्याकर कई जगह टूर और शोज कर चुके थे। वह जात्रा नाम के एक थिएटर ग्रुप के साथ भी काम कर रहे थे।
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