
आचार्य धीरेचंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर धाम
छतरपुर: 26 साल की उम्र में सनातनियों का चेहरा उभर कर सामने आ रहे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेचंद्र कृष्ण शास्त्री इस बार होली के जरिए सामाजिक समरसता का संदेश देना चाहते हैं। हिंदू राष्ट्र की हुंकार के जरिए देश-विदेश में चंद महीनों में ही अपनी पहचान बनाने वाले बाबा बागेश्वर अब हिंदू राष्ट्र की बात के बीच सामाजिक समरसता की भी बात करने वाले हैं। ऐसे में जबकि होली के चापेश्वर धाम यानी गांव गढ़ा में धीरे-धीरे कृष्ण शास्त्री भव्यता के साथ होली का पर्व मनाते जा रहे हैं, इंडिया टीवी से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि 8 तारीख को होली के पावन पर्व पर बागेश्वर धाम के पावन तीर्थ में होली का रंग चढ़ेगा, लेकिन यह रंग इसलिए खास है क्योंकि इस बार यह होली सामाजिक समरसता के साथ मनाई जाएगी।
हर साल यहां धूमधाम से मनायी जाती है होली
ह पहली बार नहीं है जब बाबा बागेश्वर होली का त्यौहार सार्वजनिक तौर पर मना रहे हैं इससे पहले भी बाबा भक्तों के साथ होली मनाते हैं लेकिन यह भव्य स्वरूप पहली बार दिया गया है बाबा ने इंडिया टीवी को बताया कि हर साल बागेश्वर धाम के संग पूरे भारत के लोग होली के रंग में रंगने आते हैं। हर साल होली का त्योहार इसी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
बुंदेलखंड से होली की प्रथा शुरू हो गई है
बाबा बागेश्वर ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में कहा कि बुंदेलखंड होली के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि होली बुंदेलखंड से ही शुरू हुई है। होलिका और प्रहलाद की कथा जो पुराणों में लिखी गई है वह एरच गांव से शुरू हुई। यह झांसी से 80 किलोमीटर दूर है। वहां पर होलिका का दहन हुआ था इसलिए बुंदेलखंडों में होली का गढ़ माना जाता है।
125 कन्याओं का सामूहिक विवाह
इससे पहले बाबा बागेश्वर 13 से लेकर 19 फरवरी तक 125 कन्याओं का सामूहिक विवाह कर चुके हैं। ऐसे में लोगों का मानना है कि होली के भव्य त्योहार के माध्यम से वे हिंदू राष्ट्र के लिए लोगों का समर्थन भी ले रहे हैं। हालांकि पूछे जाने पर कि क्या होली के माध्यम से हिंदू को साथ लेने की तैयारी है? बाबा कहते हैं होली के रंग में सब रंगेंगे, होली का रंग भक्ति का रंग है। सब सनातनी हैं।
होली में सभी का स्वागत – धीरेचंद्र शास्त्री
पिछले दिनों राम कथा और कन्या विवाह में बागेश्वर धाम में राजपीठ की सभी हस्तियां बाबा की पीठ पर दंडवत प्रकट हुए। चाहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हो या फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सभी बाबा के सामने हाजिरी भरते नजर आएं। पूछे जाने पर कि होली में राजनीतिक दल भी बाबा का कहना था कि सभी का स्वागत है।
लाल रंग डारो, हरो रंग डारो..
बाबा बागेश्वर ने बुंदेलखंड में गाया जाने वाला प्रसिद्ध फाग भी इंडिया टीवी के दर्शकों के लिए गाया “लाल रंग डारो, हरो रंग डारो और रंग दारो केसरिया.. केसरिया बागेश्वर के हो रसिया”। गाने के माध्यम से बाबा बागेश्वर ने संदेश दिया की बागेश्वर धाम के रसिया बन बाबा के साथ जुड़ गए।
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