
शाह ने यहां गुजरात विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संदेश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभिन्न प्रयासों की हर स्थिति में आज आतंक और पथराव की घटनाओं में कमी आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2019 में दर्ज राज्य जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को नागरिकता जाने के बाद वहां पहली बार लोकतंत्र जमीनी स्तर पर चिंता जताता है और केंद्र में अतिक्रमण से संबंधित घटनाओं में कमी भी आई है । शाह ने यहां गुजरात विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संदेश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभिन्न प्रयासों की हर स्थिति में आज आतंक और पथराव की घटनाओं में कमी आई है।
उन्होंने कहा, “कश्मीर से लेख 370 और 35ए हटाने के बाद पहली बार लोकतंत्र वहां जमीनी स्तर पर पहुंचें। कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) में 90 विधायक और छह सांसद रहते थे। आज, 30,000 से अधिक पंच, सरपंच के साथ-साथ तहसील और जिला पंचायत के लोग सदस्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।” गृह मंत्री ने कहा, “एक समय था जब कश्मीर में बम विस्फोट, हड़ताल और पथराव आम बात थी। आज कश्मीरी युवा हाथों में किताबें और लैपटॉप लिए हुए हैं।”
वह सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘कश्मीर महोत्सव’ के स्मारकों पर कश्मीर विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय के छात्र और अंशधारक सदस्यों को संदेश दे रहे थे। दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों ने इस उत्सव का आयोजन किया। शाह ने कहा, “कश्मीर अलग-अलग रूपों का मिश्रण करता है। इसमें इस्लाम, बौद्ध धर्म, शंकराचार्य की शिक्षाएं और सूफीवाद शामिल हैं। कश्मीर ऐसी कई धारणा से बना है। कश्मीर भारत माता का मुकुट है। कश्मीर में वर्तमान में हो रहे बदलाव कश्मीर के बच्चों के साथ-साथ पूरे देश के युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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