
जनरल ने कहा कि देश ने बड़े और जटिल सैन्य मंच तैयार करने की क्षमता की भी कल्पना की है। सोमवार को कर्नाटक के तुमकुरु जिले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएलई) की नई हेलीकॉप्टर फैक्ट्री के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता बनना देश का सपना था।
रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र के योगदान की सराहना करते हुए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि सैन्य साजो-सामान बनाने में भारत की महाशक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है। जनरल ने कहा कि देश ने बड़े और जटिल सैन्य मंच तैयार करने की क्षमता की भी कल्पना की है। सोमवार को कर्नाटक के तुमकुरु जिले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएलई) की नई हेलीकॉप्टर फैक्ट्री के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता बनना देश का सपना था।
वह फ़ाइट सिटी चाकन में एनईएफ डिफेंस एंड लिमिटेड द्वारा आयोजित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) रक्षा प्रदर्शनी-2023 के उद्घाटन समारोह को संदेश भेज रहे थे। जनरल चौहान ने कहा, ”जब हम शक्तिशाली भारत की कल्पना करते हैं, तो हमारा मुख्य ध्यान सशस्त्र बलों की ओर जाता है और हम उनकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं। मेरे सशस्त्र बलों के पीछे एक बड़ा सुरक्षा तंत्र खड़ा है, जो देश को शक्तिशाली बना रहा है और यह रक्षा तंत्र सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करता है।”
सीडीएस ने कहा कि इस तंत्र में लोग समझौते नहीं करेंगे और सेना, नौसेना या वायु सेना कानून के तहत नहीं आते हैं, लेकिन उनमें से प्रत्येक राष्ट्र के लिए कुछ करने की तीव्र आकांक्षा है और वे हमेशा उस आकांक्षा से प्रेरित होते हैं। जनरल ने कहा, ”मुझे लगता है कि देश को और अधिक ताकतवर बनाने के लिए खामोशी से काम करने वाले इस वर्ग की बड़ी भूमिका है और हमें इस योगदान को पहचानना चाहिए। इसलिए मैं यहां इस वर्ग को मान्यता देता हूं और कहता हूं कि देश को शक्तिशाली बनाने की प्रक्रिया में आप सभी लोग हमारे साथ हैं।”
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भरता देश का सपना था और आयुध नीति व सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा पहलों (डीपीएसयू) ने उस लक्ष्य को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। सीडीएस ने कहा कि कुछ समय पहले, रक्षा क्षेत्र को निजी स्वामित्व के लिए खोल दिया गया और ‘मेक-इन-इंडिया’ को सबसे पहले जोर दिया गया। जनरल चौहान ने कहा, ”मेरा दृढ़ विश्वास है कि सरकार के ये दो प्रयास भारत के युवाओं और उद्यम की शक्ति को उजागर करेंगे। एनईजी डिफेंस इस उद्यमिता का एक बेहतरीन उदाहरण है।”
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के योगदान के मद्देनजर यह देखा जा सकता है कि भारत रक्षा निर्माण में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता है। जनरल चौहान ने कहा कि उनके लिए सशस्त्र बलों, डीपीएसयू, डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन), व्यक्तिगत एसटीई, एमएसएमई और नवोन्मेसक जैसे सभी पहलुओं ने एक साथ काम किया है। उन्होंने कहा, ”अभी तक यह सोच थी कि भारत बड़े और जटिल प्लेटफॉर्म विकसित नहीं कर सकता। हालांकि, कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के तुमकुरु में एचएलएल सर्किट का उद्घाटन किया। इससे मानक-2 और मानक-3 को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार पैदा होंगे।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें