
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर ईशानिंदा कानून की तलवार लटकती रहती है।
कराची: पाकिस्तान में ईशनिंदा के फर्जी मामलों के चक्करों में फंसाकर कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई, यह बताना जरूरी नहीं है। ताजा मामला कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक शख्स ने एक ईसाई महिला को फर्जी ईशनिंदा मामले में फंसाने की धमकी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कार्गो एरिया में पार्किंग विवाद के दौरान एक महिला ईसाई सुरक्षाकर्मी को ईशन्दा मामले में फंसने की कथित रूप से धमकी देने को लेकर एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है।
सीएए ने मामलों की जांच के लिए बनी कमिटी
सीएए ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमिटी भी बनाई है। इस घटना के वीडियो फुटेज के अनुसार, जब इस महिला सिक्योरिटी ऑफिसर ने बिना किसी वाहन के पास के अपने एक पेश किए गए कार में घूमने पर एक व्यक्ति को फटकार लगायी थी, तब यह विवाद हुआ था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें महिला अधिकारी को धमकी दी जा रही है कि वह उसके खिलाफ है ईशनिंदा मामला दर्ज हो सकता है।
‘अगर मुझ पर मनोभ्रंश सवार हो गया तो…’
वीडियो में वह शख्स यह कहते हुए धमकी देता है, ‘जिसे चाहो बुला लो, अगर मुझ पर स्मोकिंग सवार हो गए तो मैं टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा। यहां से चलें।’ सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्पॉट पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने इसका नाम लिया। सीएए ने इस सूचना को एसएमएस कर दिया है। सीएए के प्रवक्ता ने कहा कि प्राधिकरण के निर्देश पर जांच समिति बनी है तथा सीएए अधिकारी एवं महिला सिक्योरिटी ऑफिसर को समिति के सामने पेश किया अपना पक्ष रखने को कहा है।
ईशनिंदा कानून ने बर्बाद की कई जिंदगियां
पाकिस्तान ईशनिंदा कानून की वजह से न सिर्फ अल्पसंख्यक हिंदू और ईसाई समुदाय, बल्कि कई मुस्लिम जिंदगियों के भी रिश्ते ठप हैं। कई बार सामने आया है कि लोग आपसी रंजिश में भी ईशनिंदा कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। इस कानून के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को सजा-ए-मौत तक दी जा सकती है। कई बार धार्मिक कट्टरपंथियों ने अदालतों से बचे लोगों को बच निकलने की जगह नहीं दी और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। पाकिस्तान में 1987 से 2017 के बीच ईशनिंदा के नाम पर 75 से ज्यादा लोगों की हत्या हो चुकी थी।













