
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने धर्मांतरण को देश के समक्ष सबसे बड़ी समस्या बताते हुए इस पर कठोर कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब सरकार से ज़्यादा समाज को इस दिशा में आगे बढ़कर समाधान खोजना चाहिए, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सहयोग से इस पर सार्थक पहल की जा सकती है।
अरविंद नेताम आरएसएस के नागपुर मुख्यालय में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में आमंत्रित अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ के किसी आदिवासी नेता को संघ मुख्यालय से औपचारिक आमंत्रण मिला है। नेताम ने इसे छत्तीसगढ़ की राजनीति और आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक अवसर बताया।
“सरकारें दोषारोपण में उलझी रहीं, समाधान नहीं निकाला”
प्रशिक्षण शिविर में नेताम ने मंच से स्पष्ट कहा कि “धर्मांतरण की समस्या को अब तक गंभीरता से नहीं लिया गया है। सरकारें केवल एक-दूसरे पर दोष मढ़ती रहीं, पर किसी ने ठोस कार्रवाई नहीं की।” उन्होंने आगे कहा कि अब आरएसएस और आदिवासी समाज मिलकर इस मुद्दे का ठोस हल निकाल सकते हैं।
संघ प्रमुख के साथ मंच साझा करेंगे नेताम
अरविंद नेताम ने बताया कि वह 3 से 5 जून तक नागपुर में संघ मुख्यालय में रहेंगे और संघ की विचारधारा, कार्यशैली और कार्यक्रमों को करीब से समझेंगे। 5 जून को वह संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा कर प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह निमंत्रण सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और आदिवासी समाज के प्रति संघ की गंभीरता का संकेत है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
नेताम के इस बयान और नागपुर आमंत्रण को राजनीतिक हलकों में गंभीर बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ में आदिवासी राजनीति की नई धारा की शुरुआत भी हो सकती है।
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