लेटेस्ट न्यूज़

जेएनयू और आईआईटी-दिल्ली के 38 प्रोफेसरों को चूना लगा यह ‘नटवर लाल’, घर मिलने का वादा करके करोड़ों रुपये ठगे

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), संबद्ध-दिल्ली और दूसरी शेयरधारकों के कम से कम 38 प्रोफेसरों के साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर घर के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में जेनयू के ही एक पूर्व कर्मचारी पर आरोप लगता है।

इन शिक्षा के अनुसार, 7 साल से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद जब खोई खामियों के अलावा कुछ नहीं मिला तो उनकी गांभीर्य टूट गई और उन्होंने दिल्ली पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज की। वहीं पुलिस के मुताबिक, पहली दुर्घटना में दोष साबित करने योग्य सबूत मिले हैं, जिसके बाद उसने प्राथमिक दर्ज किया है।

ये भी पढ़ें- राजस्थान का जामताड़ा बन रहा डूंगरपुर, रोजाना बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड के मामले

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

राज्य चुनें

दिल्ली-एनसीआर

राज्य चुनें

दिल्ली-एनसीआर

दरअसल, जेनयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक तकनीकी कर्मचारी डॉ. डीपी गायकवाड़ ने 2015 में वर्ण होने से ठीक पहले एक समाज बनाया और इसे नोबल सोशियो- वैज्ञानिक कल्याण संगठन (NSSWO) का नाम दिया। डॉ. डीपी सिंगरवाड़ ने यह दावा करते हुए अपने साथियों को इस सोसायटी की सदस्यता बेची कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत द्वारका नजफगढ़ क्षेत्र में एल-जोन सोसायटी की नींव पड़ी।

गायकवाड़ ने जेएनयू, स्टेक-दिल्ली और आस-पास के अन्य लालच के लिए नौकरी और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से अलग-अलग किश्तों में तीन साल के लिए दो लाख रुपये से लेकर 16 लाख रुपये तक काम किए और उन्हें प्रोजेक्ट दिया कि यह चालू है।

ये भी पढ़ें- पेट्रोल पंप वाले ऐसे आप उम्मीदवार हैं चूना, बड़े-बड़े खा जाते हैं चखमा, अपनाएं ये टिप्स

इस धोखाधड़ी का शिकार जेएनयू के आण्विक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कहा, ‘यह वास्तविक दिखाने के लिए वह हममें से कई लोगों को जमीन का टुकड़ा दिखाने के लिए ले गए, लेकिन बाद में पता चला कि एनएसएसडब्ल्यूओ जमीन का मालिक है नहीं था।’

प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कहा, ‘NSSWO के सभी सदस्यों को धोखा देकर मोटी रकम वसूलने के बाद उसने बातचीत बंद कर दी और अपने सभी फोन नंबर ब्लॉक कर दिए।’

गायकवाड़ के संपर्क तोड़ने के बाद हालांकि कुछ प्रोफेसरों ने गुरुग्राम में उन्हें बताया और वे उनके पास गए। फिर भी उन्होंने एक और आकर्षक योजना की पेशकश के साथ उन्हें फिर से अपने झांसे में ले लिया।

डॉ. डीपी गायकवाड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज किए गए 10 लोगों में से एक संबद्ध-दिल्ली के प्रोफेसर विश्वजीत कुंडू ने कहा, ‘ये धोखाधड़ी की अपनी चाल जारी रखी और फरवरी 2019 में। ) नाम से एक अन्य संस्थान को आवंटन की पेशकश की गई, जिसके माध्यम से हमारे फ्लैटों को वितरित किया जाना था।’

टैग: आईआईटी, जेएनयू, रियल एस्टेट

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page