
बयान के अनुसार योगी और नेपाल के वंश की ओर से खिचड़ी चढ़ाने के बाद फिर नाथ योगियों, साधु संतों ने खिचड़ी चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इसके साथ ही मंदिर के गर्भगृह के पट को आमजन के लिए खोल दिया गया और लोक आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाने की शुरुआत हो गई।
गोरखपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रविवार सुबह चार बजे गुरु गोरखनाथ को नाथ पंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार पुण्य काल में आस्था की पहली खिचड़ी मार्च और लोकमंगल की कामना की। उसके बाद नेपाल राजवंश की ओर से खिचड़ी रवाना हुई। यह जानकारी रविवार को यहां लखनऊ में एक आधिकारिक बयान में जारी की गई। उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के महंत हैं और मकर संक्रांति के पर्व पर गोरखनाथ मंदिर में विख्यात खिचड़ी मेले का आयोजन होता है जो एक माह तक चलता है।
इस आस्था के पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के श्रद्धालु मंदिरों में आते हैं। बयान के अनुसार योगी और नेपाल के वंश की ओर से खिचड़ी चढ़ाने के बाद फिर नाथ योगियों, साधु संतों ने खिचड़ी चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इसके साथ ही मंदिर के गर्भगृह के पट को आमजन के लिए खोल दिया गया और लोक आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाने की शुरुआत हो गई। लाखों की संख्या में उमड़े ग्राहक खिचड़ी चढ़ाने और मंगल कामना का चिल शुरू हो गए। उत्तर प्रदेश के चम्मच एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने नाथपंथ की परंपरा के अनुसार जमीन पर गुरु गोरखनाथ को प्रणाम किया और फिर विधिवत पूजन करके गोरक्षपीठ की ओर से खिचड़ी मार्च किया।
उसके बाद त्रेतायुग से प्रज्ज्वलित अखण्ड ज्योति का पूजन करके आशीर्वाद लिया। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुरु गोरखनाथ को लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाने लाखों श्रद्धालु कड़ाके की ठंड के बीच गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। सुख समृद्धि एवं आरोग्य की मंगल कामना को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्य और पड़ोसी देश नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने रविवार सुबह चार बजे के बाद कड़ीबद्ध गुरु गोरखनाथ को श्रद्धा की खिचड़ी चढ़ाई।
इसके बाद भक्तों ने मंदिर परिसर स्थित सभी देवी देवताओं के विग्रहों का पूजन करके ब्रह्मलीन महंत बाबा गंभीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक का आशीर्वाद लिया। इस दौरान गुरु गोरखनाथ की जय जयकार से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज उठा। रविवार को परिसर में श्रद्धा के साथ सभी श्रद्धालुओं को खिचड़ी का प्रसाद सहभोज में दिया गया। द्वारिका तिवारी लगभग चार दशकों से मंदिर से जुड़े हुए हैं और उनका कहना है कि मंदिर के भंडार में प्रतिदिन लगभग 600 लोगों के लिए भोजन बनता है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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