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‘जी हुजूर साहब घर में हैं’ ये भी सही से नहीं बोल पाए थे राजेश, ऑडियंस को देख कांपने लगे, फिर भाग कर…

मुंबई: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को जिस तरह लेकर की दीवानगी थी, वैसी आज तक नहीं देखी गई। कहते हैं राजेश की एक झलक पाने के लिए लाखों लोगों का जाम हो गया था। इसलिए ही नहीं पर्दे पर माथे को लॉग सा तेढ़ा कर जब राजेश स्माइलें तो लड़कियां इस अदा पर दीवानी हो जाती थीं। राजेश की कार को इतना चूमती की सफेद रंग की लिपस्टिक की वजह से लाल हो जाती थी, ये सब हम पढ़ते हैं और सुनते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार स्टेज पर चले राजेश एक लाइन का डायलॉग भी बोल नहीं पाए थे।

हम सब कोई भी काम जब पहली बार करते हैं तो घबराहट होती है, गलतियां भी होती हैं, लेकिन इससे पार पाकर वह सुपरस्टार बन जाता है। फिल्म इंडस्ट्री में काका के नाम से मशहूर राजेश बेटियों के साथ फैंस की भीड़ थी, वह भी कभी-कभी दर्शकों को बुरी तरह घबराए हुए थे।

राजेश हस्तरेखाओं का कोई रिकॉर्ड नहीं टूटा है।

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किस्मत से मिला था राजेश को मौका
दरअसल, राजेश अपने पिता की मर्जी के खिलाफ फिल्मी दुनिया में किस्मत वाले दिन आए थे। राजेश के कॉलेज के एक दोस्त बंबी की मशहूर ड्रामा कंपनी आईएनटी से जुड़े थे। इस कंपनी के डायरेक्ट वी के शर्मा हुआ करते थे। राजेश भी थिएटर जाने लगे और एक कोने में बैठकर नाटक की रिहर्सल कर रहे कलाकारों को बड़े ही ध्यान से देखते थे। साथ ही यह भी इंतजार करता है कि शायद वी के शर्मा की नजर कभी-कभी उनके ऊपर पड़ जाए और उन्हें भी छोटा-मोटा रोल मिल जाए। महीनों इंतजार के बाद एक दिन ये मौका मिला। शो से कुछ दिन पहले ही एक अभिनेता बीमार पड़ गया और रिहर्सल पर नहीं आ सका। ऐसे में डायरेक्ट डायरेक्टर की नजर में राजेश से पूछताछ हुई, जो हर दिन रिहर्सल पर नजर आते थे।

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राजेश कार्य ने कड़ी मेहनत से अपना मुकाम बनाया था।

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एक लाइन का डायलॉग बोलने में छूट गई प्यास
वी के शर्मा ने लक्ष्य लक्ष्य जो उस समय जतिन लाभार्थियों को अपने पास बुलाया और कहा कि एक छोटा सा रोल करोगे? राजेश तो तैयार बैठे थे। राजेश को दरबान का छोटा सा रोल मिला था, इस किरदार का डायलॉग भी बहुत छोटा सा था या यूं कहें कि सिर्फ एक लाइन बोलनी थी- ‘जी हुजूर साहब घर में हैं’। इस छोटे से डायलॉग के लिए भी राजेश ने जमकर मेहनत की। पहली बार इतने लोग के सामने डायलॉग बोलने की बात सोच कर ही उन्हें प्यास लगी थी। पर्दा उठा..राजेश को आगे आकर अपना डायलॉग बोलना था, लेकिन जैसे ही उनकी नजर सामने बैठे लोगों पर पड़ी तो दिल जोर-जोर से टूटने लगा, ऐसा लगा मानो आंखों के आगे अंधेरा छा गया। घबराहट में ‘जी हुजूर साहब घर में हैं’ की जगह ‘जी साहब…हुजूर घर में हैं’ बोल गए थे’।

टैग: मनोरंजन विशेष, राजेश खन्ना

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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