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विश्व नींद दिवस – जानिए आपको हर रोज स्वस्थ और अच्छी नींद की आवश्यकता क्यों है। जानिए हर दिन क्यों होती है एक अच्छी और गहरी नींद की जरूरत।

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ओटीटी, वेब सीरीज, मूवी नाइट, क्लबिंग, लेट नाइट वर्क, आदि ने लोगों की नींद को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इसके साथ ही रात भर भ्रम के बाद लोग खुद को #नाइटऑवल के नाम से सोशल मीडिया पर प्रेजेंट करते हैं। रात को जागना आपको काफी कूल लग सकता है, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा आपको नहीं लग सकता। वर्ल्ड स्लीप डे (विश्व नींद दिवस 2023) के अवसर पर एक विशेषज्ञ से जानिए क्या होता है, जब आप लगातार अपनी नींद (नींद के दुष्प्रभाव की कमी) को नजरअंदाज करते हैं।

वर्ल्ड स्लीप डे (वर्ल्ड स्लीप डे)

वर्ल्ड स्लीप डे पहली बार 2008 में होस्ट किया गया था। यह हर साल नॉर्दर्न हेमिस्फीयर स्प्रिंग इक्विनॉक्स के ठीक पहले वाले फ्राइडे को सेलिब्रेट करते हैं। इस साल इसे शुक्रवार यानी 17 मार्च को सेलिब्रेट किया जा रहा है। इसका मुख्य मकसद लोगों तक नींद के महत्व को पहुंचाना है साथ ही नींद की वजह से होने वाली बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति की मदद करना है।

जिसके लिए स्कूल, हॉस्पिटल एवं अन्य कार्यक्रम में अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम चलाए जाते हैं। इसलिए ही इसका मकसद नींद की कमी से होने वाली नीतियों के प्रति जागरूकता जागरूकता और नींद की समस्या के बारे में लोगों से फ्रैंक बातचीत करना है।

नींद बहुत जरूरी है

घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर डॉक्टर तक कम से कम 7 से 8 घंटे की उचित नींद लेने की सलाह देते हैं। लेकिन शायद ही कोई होगा, जो इस बात पर अमल करता हो। हालांकि, नींद की कमी का असर आपके शरीर पर तुरंत दिखने लगता है। परंतु फिर भी लोग इसे अनदेखे कर देते हैं। जो भविष्य में गंभीर समस्या में हो सकता है।

इसलिए आज वर्ल्ड स्लीप डे (विश्व नींद दिवस 2023) के अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं नींद की कमी से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव की जानकारी। तो जानिए, नींद की कमी स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर सकती है।

अगर आप रोज रात को सोते हैं तो आप अच्छी नींद का अनुभव करेंगे। चित्र एडोब स्टॉक

जानिए इस पर क्या कहते हैं जानकार

सिचुएट्स ने इस विषय पर आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम के प्रमुख – न्यूरोइंटरवेंशनल सर्जरी और को-चीफ़ – स्थित यूनिट के डॉ. विपुल गुप्ता से बातचीत की उन्होंने इस विषय पर काफी कुछ बातें बताई हैं।

विपुल गुप्ता के अनुसार दिन में सात घंटे से कम सोने से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद और एंजाइटी जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

विपुल कहते हैं कि “मानसिक और शारीरिक संबंध होने को संतुलित रखने के लिए सभी को हर रात 7 घंटे या इससे अधिक नींद की आवश्यकता होती है। नींद की कमी आपके शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। रात को उचित नींद न लेने के बाद अगले दिन आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियाँ और काम करने या ड्राइविंग जैसे कार्यों को करने की क्षमता कम हो जाती है।”

उन्होंने आगे बताया कि “नींद की कमी ओबेसिटी, एंग्जाइटी, मूड स्विंग्स, चक्कर आना, बेचैनी, ही कमजोर निर्मेय सिस्टम का कारण बन सकता है।” इसलिए ही नींद की कमी आपके चेहरे एवं शरीर की त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव नहीं छोड़ती है। यह त्वचा पर फाइन लाइन्स, डार्क सर्कल, झुर्रियां और काले धब्बे पैदा कर सकता है। साथ ही यह आपको स्वस्थ रखता है और आपके कार्यालय के कार्य पर भी कोई नकारात्मक कर्मचारी है।

यहां जानें नींद की कमी से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम (नींद की कमी के दुष्प्रभाव)

1. रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजाेर हो जाती है

वैज्ञानिक के अनुसार नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। हमारे शरीर के सभी अंग सोते हुए अधिक प्रभावी रूप से काम करते हैं। ठीक उसी प्रकार से निष्क्रिय सिस्टम भी नींद में अधिक सक्रिय रहता है। लंबे समय तक उचित नींद न मिलने के कारण शरीर तनाव में जाने लगता है और एंटीबॉडीज कम हो जाते हैं। ऐसे में वायरस और अन्य हानिकारक जर्म्स के प्रभाव को बॉडी वेट नहीं मिलता है और छोटी-छोटी बातों पर तबियत खराब होने लगती है। विशेष कर सामान्य सर्दी और फ्लू की स्थिति बनी रहती है।

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इस समस्या में स्लीप स्टेटमेंट पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र: एक्सपोजर

2. नींद की कमी है हाइपरटेंशन का जोखिम

दिन में 5 से 6 घंटे से कम नींद लेने से हाइपरटेंशन की वजह से हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति पैदा हो सकती है। नींद शरीर के हार्मोन्स को रेगुलेट करने और स्ट्रेस रिलीज करने में मदद करता है। ऐसे में नींद की कमी के कारण शरीर को पर्याप्त समय नहीं मिलता है और बॉडी हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं।

जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर, तेज हार्टबीट और सूजन जैसी स्थिति देखने को मिलती है। यह सभी स्थिति दिल की सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।

3. आपका वजन बढ़ने लगता है

समय पर न सोना वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। वैज्ञानिक का संबंध नींद पूरी तरह न होने से या नींद की कमी से शरीर में कॉर्टिसॉल बढ़ता है। कॉर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन है, जो एंग्जाइटी, स्ट्रेस, फ्रस्ट्रेशन का कारण बनता है। यह सभी चीजें इमोशनल खाने को प्रमोट करती हैं। जिसकी वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है।

नींद की कमी से पेट में घ्रेलिन जैसे अन्य हार्मोन उत्पन्न होते हैं, वहीं इसकी अधिकता व्यक्ति को खाने के बाद नहीं रहने देती है और उन्हें बार-बार भूख लगती है। समय के साथ नींद की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित कर सकती है। साथ ही साथ यह थकान को भी बढ़ाता है, जिसकी वजह से शारीरिक गतिविधियां करने से लोग जल्दी थक जाते हैं।

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4. त्वचा होने लगती है उम्र से पहले बूढ़ी

नींद में त्वचा सेल्फ हीलिंग का काम करती है साथ ही नए कोलेजन को प्रोड्यूस करती है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है जो उम्र बढ़ने से लेकर पिगमेंटेशन तक त्वचा से संबंधित विभिन्न प्रकार की स्थिति में शामिल नहीं होता है। वहीं त्वचा की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखता है। इसके साथ ही नींद ब्लड फ्लो को भी खींचती है, ऐसे में त्वचा तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और स्किन लिप्स और ग्लोइंग नजर आती है।

नींद की कमी के कारण आंखों के नीचे सूजन और धब्बे दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में आंखें बंद करके 7 से 8 घंटे की उचित नींद लेने से यह बैक्टीरिया नहीं होंगे। क्योंकि आंख पूरे दिन सक्रिय रहती है ऐसे में इसे उचित आराम देने की आदत बहुत जरूरी है।

मधुमेह
खतरा बढ़ सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. बढ़ने का खतरा है

खून में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है, जिसके कारण ब्लड वेसल्स के डैमेज होने का खतरा बना रहता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार नींद न लेने से किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता जा रहा है और बुखार होने का खतरा बना रहता है। पतले रोगियों को ब्लड शुगर स्तरों को नियंत्रित रखने के लिए उचित नींद लेने की सलाह दी जाती है।

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इस तरह बढ़ाई जा सकती है नींद की गुणवत्ता (नींद की गुणवत्ता में सुधार के उपाय)

1. विशेष ध्यान रखें

प्रमाणन पेट सोने की नींद के साथ ही नींद की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके साथ ही बिस्तर पर जाने के तुरंत पहले हैवी मिल लेने से बचें। ही सोने से पहले कैफीन, निकोटीन, फैट जैसी चीजों से दुरी प्राप्त करें।

2. स्लीप विवरण को फॉलो करना जरूरी है

विशिष्ट नींद नींद को लेकर मस्तिष्क को संकेत देने वाले सर्कैडियन रिदम और मेलाटोनिन का स्तर प्रभावित होता है। इसलिए डॉक्टर 8 घंटे से ज्यादा लंबी नींद और 7 घंटे से कम नींद लेने से मना करते हैं। क्योंकि जिस तरह नींद की कमी आपकी सेहत के लिए खराब है ठीक उसी तरह नींद की अधिकता भी जिस तरह सेहत पर नकारात्मक असर डालती है।

रात की अच्छी निंद है जरूरी
पर्याप्त आवश्यकता है। चित्र: एक्सपोजर

3. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें

शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते रहने से शरीर सक्रिय रहता है जिससे नींद की गुणवत्ता बढ़ती जाती है। लेकिन सोने के कुछ देर पहले किसी तरह की कठिन शारीरिक गतिविधियों में भाग न लें। ऐसा करना नींद में बाधा बन सकता है।

4. फिग खटका खाने से बचें

दिन के समय खटका लेना ठीक है, लेकिन विशिष्ट रूप से दिन में किसी भी खटके की आदत से नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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