
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण श्रीमती लक्ष्मी वर्मा और श्रीमती सरला कोसरिया ने रायपुर स्थित महिला आयोग कार्यालय में विभिन्न महिला उत्पीड़न मामलों की सुनवाई की। आयोग की कड़ी पहल से कई मामलों का समाधान हुआ और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिला।
15 लाख रुपये देने पर बनी सहमति
एक प्रकरण में आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदक ने उसकी संपत्ति के पूरे मूल्य का भुगतान नहीं किया। सुनवाई के दौरान अनावेदक ने अपनी गलती स्वीकार की और आयोग की पहल पर एक माह के भीतर 15 लाख रुपये देने की सहमति दी। यह राशि सुलहनामे के तहत हस्ताक्षर और नोटराईजेशन के बाद दी जाएगी।
बच्चों के भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपये की मदद
एक अन्य मामले में आवेदिका ने अपने बच्चों के भरण-पोषण की समस्या को लेकर आयोग में गुहार लगाई। आयोग की पहल से अनावेदक (पति) ने 5 लाख रुपये एकमुश्त देने पर सहमति जताई। इस निर्णय से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा।
फर्जी दस्तावेजों से जमीन गिरवी रखने का मामला सुलझा
एक वृद्ध महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भतीजे और बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसकी जमीन गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन लिया था। आयोग की सख्त कार्रवाई के बाद बैंक ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। आयोग ने बैंक को पत्र लिखकर महिला की जमीन को बंधनमुक्त करने की पहल करने का निर्देश दिया।
तलाक और मुआवजे का आपसी समाधान
एक अन्य मामले में पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तलाक लेने पर सहमति जताई। आयोग की पहल से अनावेदक ने दहेज का सामान लौटाने और 50 हजार रुपये दो किश्तों में देने का वचन दिया। आयोग ने मामले को नस्तीबद्ध करने का निर्णय लिया।
बुआ सास बनी वैवाहिक जीवन में बाधा, आयोग ने भेजा नारी निकेतन
एक महिला ने आयोग में शिकायत की कि उसकी बुआ सास के हस्तक्षेप के कारण उसका वैवाहिक जीवन संकट में है। आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बुआ सास के कारण पति-पत्नी के बीच तनाव उत्पन्न हो रहा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने बुआ सास को सुधरने का अवसर देते हुए एक माह के लिए नारी निकेतन भेजने का निर्णय लिया।
जातिगत टिप्पणी और अभद्रता का मामला आयोग के संज्ञान में
एक अन्य मामले में आवेदिका ने आरोप लगाया कि कार्यस्थल पर अनावेदक उसके साथ जातिगत टिप्पणी और अभद्रता कर रहा था। आयोग ने अनावेदक को विधिवत जवाब देने का समय दिया और मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया।
महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।



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