छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में प्री वेडिंग शूट पर महिला आयोग लगा सकती है बैन… जानिए क्या है वजह…

विवाह टूटने की दशा में प्री-वेडिंग शूट लड़कियों के लिए हानिकारक है : डॉ किरणमयी नायक

UNITED NEWS OF ASIA .राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे, अर्चना उपाध्याय एवं बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 172 वीं जन सुनवाई हुई। रायपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 25 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।

आज के सुनवाई में एक प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया विवाह का तारीख तय होने के बाद विवाह निरस्त हो गया था इसके लिए आवेदिक ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आज सुनवाई में आवेदिका ने अपना प्रकरण वापस लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदिका ने बताया कि दोनों पक्षों का समझौता हो गया है और अनावेदक पक्ष ने आवेदिका पक्ष द्वारा विवाह की तैयारी के लिए किए गए खर्च का पैसा लौटा दिया है तथा प्री-वेडिंग शूट की फोटो और वीडियो को डिलीट कर दिया है। अनावेदक पक्ष को समझा दिया गया कि यदि भविष्य में आवेदिका के कोई भी फोटो या वीडियो सोशल मीडिया में प्रचारित एवं प्रसारित करने की दशा में अनावेदक के खिलाफ साइबर क्राइम में आवेदिका चाहे तो रिपोर्ट दर्ज करा सकती है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि आजकल लोगों में पश्चिमी संस्कृति हावी हो रही है जिससे हमारी संस्कृति दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रही है। कृपया माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य कोध्यान में देखते हुए प्री-वेडिंग शूट करवाने से बचे क्योंकि यह लड़कियों के भविष्य के लिए हानिकारक है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति की मृत्यु के बाद से उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और संयुक्त संपत्ति से आवेदिका के पति का हिस्सा नहीं मिलने से अधिक परेशानी हो रही है। आयोग के समझाइश के बाद दोनों पक्ष आपसी राजीनामा से सीमांकन कराने को तैयार हैं। आयोग द्वारा दोनों पक्ष को अपने-अपने दस्तावेज सहित 15 मई को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने फर्जी दस्तखत करने और अपनी संपत्ति के दूसरे के नाम चढ़ाने का शिकायत किया है। दोनों पक्ष को सुना गया एवं आयोग द्वारा अनावेदक गण को निर्देशित किया गया कि आगामी सुनवाई में संपत्ति से जुड़े सारे दस्तावेज प्रस्तुत किया जाए।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपना प्रकरण वापस लेने के लिए आवेदन लगाई थी. आवेदिका का कथन है कि उन्हें जो राशि मिलना चाहिए वह राशि अनावेदक द्वारा दिया गया है तथा वह समझौता आपस में कर लिए हैं। आयोग ने प्रकरण नस्तीबध्द करते हुए कहा कि प्रकरण को 2 माह की निगरानी में रखा जाए एवं अनावेदक द्वारा कही गई बातें पूर्ण नहीं करने पर प्रकरण दोबारा खोला जाएगा।

अन्य 3 प्रकरणों में दोनों पक्षों को समझाइश दिया गया एवं दोनों पक्षों के आपसी रजामंदी से प्रकरण नस्तीबध्द किया जाता है और 1 साल तक काउंसलर निगरानी करेगी। आज के सुनवाई के दौरान कुल 6 प्रकरणों को नस्तीबध्द किया गया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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