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- कबीरधाम जिले में पहली बार महिला कर्मचारियों द्वारा संपन्न कराया जाएगा मतगणना कार्य
- कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी वर्मा के मार्गदर्शन में लगाई की महिला कर्मचारियों की डियूटी
- नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 के तहत कबीरधाम जिले में पहली बार मतगणना कार्य पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संपन्न कराया जाएगा। मतगणना आगामी 15 फरवरी को होगी। इसकी तैयारियां की जा रही है। मतगणना कार्य में लगे सभी महिला कर्मचारियो को आज मतगणना से जुड़े सभी निर्देशो को बताया गया एवं प्रशिक्षण किया गया।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस पहल के तहत जिले में मतगणना कार्य के लिए कुल 270 महिला गणना पर्यवेक्षक और गणना सहायकों की ड्यूटी लगाई गई है। मतगणना के दौरान महिला कर्मचारियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए सहायक कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है, ताकि मतगणना प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी गोपाल वर्मा ने कहा कि इस पहल से महिला कर्मचारियों को नई जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिला कर्मचारियों द्वारा निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से संपन्न की जाने वाली यह मतगणना न केवल मतदान प्रक्रिया की साख को और मजबूत करेगी, बल्कि समाज में महिलाओं की भागीदारी को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।
उपजिला निर्वाचन अधिकारी गीता रायस्त ने बताया कि जिले के सभी नगरीय निकायों में मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है। नगर पालिका कवर्धा, पंडरिया और नगर पंचायत पाण्डातराई, बोड़ला, पिपरिया, सहसपुर लोहारा एवं इंदौरी में 270 महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से कवर्धा के लिए 60, पंडरिया के लिए 40, जबकि अन्य सभी निकायों के लिए 34-34 गणना पर्यवेक्षक एवं गणना सहायक नियुक्त किए गए हैं।
मतगणना कार्य के दौरान महिला कर्मचारियों को पूर्ण सहयोग देने के लिए पुरुष सहायक कर्मियों की भी तैनाती की गई है, जिससे कार्य की गति और सफलता सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप लिया गया है, जिसमें महिलाओं को प्रशासनिक कार्यों में अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने पर बल दिया गया है।
यह पहल जिले में महिला कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखी जा रही है, जो उनकी कार्यक्षमता को न केवल पहचान दिलाएगी बल्कि उन्हें बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारियों के लिए भी तैयार करेगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय से अन्य जिलों और राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी, जिससे भविष्य में सरकारी कार्यों में महिलाओं की भागीदारी और अधिक बढ़ेगी।
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