
मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को एक महिला समेत दो आदिवासियों की मौत को लेकर विपक्षी सदस्यों ने काफी विरोध किया और कांग्रेस की विजय लक्ष्मी साधौ ने इसे उठाने की अनुमति नहीं मिलने पर रोते हुए सदनों से बहिर्गमन किया।
बो। मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को एक महिला समेत दो आदिवासियों की मौत को लेकर विपक्षी सदस्यों ने काफी विरोध किया और कांग्रेस की विजय लक्ष्मी साधौ ने इसे उठाने की अनुमति नहीं मिलने पर रोते हुए सदनों से बहिर्गमन किया। आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एक-दूसरे के वरिष्ठ सदस्य बाला बच्चन, कांतिलाल भूरिया और सज्जाद सिंह वर्मा ने इन दो आदिवासियों की मृत्यु का कारण बन गए। वर्मा ने कहा कि महिला के माता-पिता और पुलिस फायरिंग में मारे गए व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने इस मुद्दे पर गृह मंत्री के बयान की मांग की।। सदन में मौजूद गृह और विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि महिला की अस्थायी परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार महिला की तलाश में मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि साइट के फुटेज के आधार पर 13 से 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें पीड़ित के पिता का नाम भी है। उन्होंने कहा कि इस पूरी तस्वीर की जांच के आदेश दिए और उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा कि बलवे में एक पुलिस निरीक्षक की आंख में गंभीर चोट आई है। मंत्री के जवाब से आरोपित अधिकारियों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया, जिसके कारण अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक रोक दी।
सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर शून्यकाल में कांग्रेस के सदस्यों साधौ ने यह मेल किया: उठाए गए अध्यक्ष ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। कांग्रेस सदस्यों की मांग पर मिश्रा ने कहा, ”लाशों की राजनीति करना कांग्रेस का शगल रहा है। बयान दिया और अक्षरश: बात साफ कर दी।” इसके बाद साधो आसन के तरह पहले और मैंने अपने घुटनों पर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग शुरू कर दी। अनुकूल उन्हें अनुमति से नहीं मिलने पर कांग्रेस की अन्य महिला सदस्यों द्वारा साधौ को सदन से बाहर ले जाया गया। जब वह यहोवा से बाहर आ रहा था, तब उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।
सदन से बाहर ही साधौ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से रोते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों के साथ जुल्म कर रही है। उन्होंने कहा कि वह इन दोनों मृतकों को पूरी तरह से देख रहे हैं। आसान हो कि मध्य जिले की महू में पुलिस शूटिंग में बुधवार की रात को 25 वर्षीय आरोपी भूरूलाल की मौत हुई, जिसके बाद महू के पांच व्यक्ति थाना इलाके में गुरूवार सुबह से निषेधाज्ञा भड़क गई। इस व्यक्ति की पुलिस शूटिंग में उसकी नींद से मौत हो गई, जब वह बुधवार की रात अपने समुदाय की कविता नाम की 22 साल की महिला की मौत के विरोध में अन्य लोगों के साथ मिलकर महू स्थित डोंगरगांव पुलिस चौकी का घोर अपराध कर रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान पथराव भी कर रहे थे, जिसमें एक सभी लोग घायल भी हुए थे। इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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