
- चुनाव के समय लोगों की धार्मिक भावनाओं, सामाजिक समरसता से खिलवाड़ का अधिकार किसने दिया ??
UNITED NEWS OF ASIA. “बिरनपुर” छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक खून से लथपथ कहानी की एक ऐसी जगह जहां की घटना से टपकते खून के कतरे से देश का राजनीतिक पैठ रखने वाला शायद ही कोई राजनेता या व्यक्ति वाकिफ न होगा! राजनीतिक पैठ रखने वाले लोगों ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बीरनपुर को एक ऐसा सामुदायिक चुनावी अखाड़ा का स्वरूप प्रदान किया की वहां से कथा – कथित मरहूम मासूम के पिता आज भाजपा समर्थित जनहितैषी है!
आज उक्त कथा – कथित कहानी के ऊपर सेंसर बोर्ड के नियम कायदों की सेंधमारी कर फिल्मी ट्रेलर भी जनता को परोस दिया गया है, जिसमे देशभक्ति सिनेमा के लिए नीव का पत्थर माने जाने वाले “तिरंगा” फिल्म के विलेन गुंडा स्वामी अब नायक की भूमिका में प्रमुख रूप से फिल्म में देखने को मिल रहे है। फिल्म में ट्रेलर के अनुसार बिरनपुर में हुई कथा – कथित लिंचिंग की सच्चाई सामने लाने को मालूम हुई है।

जिसमे द केरला स्टोरी के बाद शायद लव जिहाद को मुखर रूप से रूपांतरित कर पर्दे में प्रस्तुत करने की जद्दोजहत देखने को मिलेगी। खैर साजा विधानसभा के एक सेक्टर बिरनपुर के इस घटना से प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में सामुदायिक मत का ध्रुवीकरण विधानसभा चुनाव के दौरन छत्तीसगढ़ में देखने को मिला था।
वर्तमान परिस्थिति में संसद चुनाव के ठीक पहले घटना को लेकर सोसल प्लेटफॉर्म के बड़े पर्दे में ट्रेलर का लॉन्च होना भी समर्थन सम्बन्धित एक बड़ा पासा फेका माना जा रहा है! खैर देखना यह है कि जिस घटना से मौत के घाट उतारे पुत्र के पिता आज जेड प्लस सुरक्षा के साथ उक्त क्षेत्र के लोगों के विकास का प्रतिनिधित्व कर रहे है, वो दुर्ग लोकसभा के लिए संसदीय क्षेत्र में लोगो के स्याही वाली उंगलियों तक कैसे पहुचेंगे।
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