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पहली बार पीरियड्स होने से लेकर मेनोपॉज तक महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इनमें से अधिकतर प्राकृतिक होते हैं, लेकिन कुछ बदलाव अनहेल्दी जीवनशैली के कारण आते हैं, जिनमें मूत्राशय का संक्रमण और यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण भी शामिल हैं। अगर इन पर किसी समय से ध्यान न दिया जाए और हाइजीन को नजरअंदाज किया जाए, तो ये कई बड़े स्वास्थ्य के रूप में ले सकते हैं।
ऐसी ही एक समस्या ब्लैडर लीकेज (मूत्राशय रिसाव) है, जिसमें कुछ समय के लिए भी यूरिन होल्ड कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार यह इतना ज्यादा हो जाता है कि हस्ते या खांसते ही यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होने लगती है। इस विषय पर गहनता से जानने के लिए हमने पहली बात की बिजनौर के ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेक अलिस्ट डॉ नीरज शर्मा से की। हमें ब्लैडर लीकेज (मूत्राशय रिसाव) की समस्या की जानकारी विशेष रूप से दी जाती है।
पहले समझिए क्या है ब्लैडर लीकेज
यूरिन पास करने के दौरान ब्लैडर की मसल्स यूरिन को आगे की ओर इशारा करते हैं। इस दौरान यूरेथ्रा की मशीक्स यूरिन होल्ड रैश हैं। जबकि ब्लैडर लीकेज के दौरान यूरेथ्रा की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण यूरिन होल्ड करने की क्षमता कम हो जाती है। अर्थात यदि यूरेथ्रा पर थोड़ा भी दबाव पड़ता है, तो वह यूरिन को धारण करने में सक्षम नहीं हो पाता है।

ब्लैडर लीकेज के इन लक्षणों को न देखें
- अचानक यूरिन पास करने की आवश्यकता होना।
- खांसते-छींकते हुए मिजाज निकल जाना।
- यूरिन पास होने में परेशानी महसूस होना।
- कुछ मिनट भी यूरिन होल्ड न कर पाना।
जानिए ब्लैडर लीकेज के मुख्य कारण (Bladder Leakage के कारण)
रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ नीरज शर्मा ने मूत्राशय संबंधी लीकेज के मुख्य कारणों पर बात करते हुए बताया कि –
1. मांसपेशियों की कमजोरी होना
बढ़ती उम्र के साथ मसल्स कमजोर होने लगती हैं, जिससे बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान मसल्स टूट भी जाती हैं, जिससे यूरिन होल्ड करना मुश्किल हो जाता है।
2. पेल्विक एरिया पर दबाव और कमजोरी
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कमजोरी और कमजोरी की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा पेल्विक एरिया में प्रेशर से भी मूत्राशय का रिसाव हो सकता है। अगर आपको पेल्विक एरिया से जुड़ी कोई समस्या है, तो किसी भी ब्लैडर लीकेज का सामना करना पड़ सकता है।
3. उम्र भी जिम्मेदार हो सकती है
डॉ नीरज के मुताबिक ज्यादातर मामलों में यह समस्या सिर्फ बड़ी उम्र में ही होती है, लेकिन अगर किसी लड़की या महिला को कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या है या उनकी मांसपेशियां कमजोर हैं, तो छोटी उम्र में भी ब्लैडर लीकेज होने का खतरा बना रहता है।
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वैज्ञानिकों से सीखें कुछ आसान इलाज
ब्लैडर लीकेज की समस्या गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ चीजों पर रोक लगाकर इसे नियंत्रित भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है।
1. कम लें
तरल पदार्थों के साथ कैफीन के सेवन पर भी कंट्रोल जरूरी है। ज्यादा मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन यूरिन कंट्रोल करने में मुश्किल कर सकता है।
2. क्रिसमस से परहेज करें
टेम्पलेट सीन का बार-बार यूरिन पास करने की आवश्यकता को बढ़ाया जा सकता है। इसलिए स्क्रिप्ट जैसे कि कागज़, आंवला, आदि से परहेज करें।
3. रोज करें पेल्विक एक्सरसाइज
आपको घर पर ही पेल्विक एक्सरसाइज करने की आदत बनानी चाहिए। इससे मसल्स की यूरिन होल्ड करने की क्षमता बढ़ने लगती है।
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