
UNITED NEWS OF ASIA. खैरागढ़। बिजली विभाग की कार्रवाई को लेकर दोहरा रवैया सामने आया है. जहां आम जनता से बकाया वसूलने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है, वहीं सरकारी विभागों पर करोड़ों का बकाया होने के बावजूद भी मेहरबानी बरती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2024 में सरकारी विभागों पर 17 करोड़ रुपये का बकाया था, जो अब बढ़कर 19.60 करोड़ रुपये हो चुका है. इसके बावजूद एक भी सरकारी दफ्तर की बिजली काटने की हिम्मत बिजली विभाग ने नहीं दिखाई है.
सरकारी विभागों पर मेहरबानी, आम जनता पर सख्ती
बिजली विभाग ने सरकारी विभागों को सिर्फ नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर दी, लेकिन गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. पिछले कुछ महीनों में बिजली बिल न भरने पर 38,638 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए गए. डर के कारण 11,533 उपभोक्ताओं ने तत्काल 2 करोड़ 10 लाख रुपये जमा भी कर दिए.
सबसे ज्यादा बकाया इन विभागों पर
बिजली विभाग से मिले दस्तावेजों के अनुसार, सबसे ज्यादा बकाया ग्राम पंचायतों पर है:
- नलजल योजना पर – ₹9.03 करोड़
- नगरीय निकाय (नलजल) – ₹4.93 करोड़
- सड़क बत्ती – ₹1.39 करोड़
- पुलिस विभाग – ₹1.07 करोड़
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य – ₹71 लाख
- महिला एवं बाल विकास – ₹25 लाख
- जल संसाधन – ₹21 लाख
- वन विभाग – ₹15 लाख
- स्कूल शिक्षा – ₹14 लाख
तेजी से वसूली की हो रही तैयारी
सीएसपीडीसीएल के कार्यपालन अभियंता एके द्विवेदी ने बताया कि शासकीय विभागों पर 2369 कनेक्शन हैं, जिन पर कुल 19 करोड़ 60 लाख रुपये का बकाया है. इसके अलावा 23,006 गैर-शासकीय कनेक्शनों पर 1 करोड़ 95 लाख रुपये का बकाया है. बिजली विभाग का लक्ष्य है कि 31 मार्च तक अधिकतम वसूली की जाए.
सवाल उठे: जनता से ताबड़तोड़ वसूली, सरकारी विभागों पर नरमी क्यों?
बिजली विभाग के इस दोहरे रवैये पर जनता ने नाराजगी जताई है. आम उपभोक्ताओं को बकाया चुकाने के लिए नोटिस और कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है, लेकिन सरकारी विभागों को सिर्फ नोटिस थमा कर छोड़ दिया गया है. आखिर बिजली विभाग सरकारी विभागों पर मेहरबान क्यों है?



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें