यूट्यूब के सीईओ नील मोहन स्टोरी: Microsoft, Google के बाद अब यूट्यूब में भी भारतीय मूल के CEO हैं। इससे दुनिया भर में भारत का डंका बज रहा है। दुनिया की टॉप कंपनी YouTube के टॉप पोस्ट में बॉस भारतीय है, लेकिन इस बॉस की कहानी बाकी से थोड़ी अलग है। इसे कंपनी में रोकने के लिए कभी-कभी Google को 544 करोड़ रुपये दिए जाते थे। आज हम यूट्यूब के नए सीईओ नील मोहन की जन्म कुण्डली पढ़ेंगे और ये जानने की कोशिश करेंगे कि उनकी यहां तक की यात्रा कैसी है? बता दें, भारतीय मूल के अमेरिकी नील मोहन ने गुरुवार को यूट्यूब की कमान संभाल ली है। YouTube के CEO के रूप में मोहन का प्रमोशन हुआ है। वो लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं। इससे पहले यूट्यूब के सीईओ 54 वर्षीय वोज्स्की ने कहा कि इस्तीफा देने का कारण यह है कि वह अब परिवार, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन पर अधिक ध्यान देना चाहते हैं। वह पहले Google में एड प्रोडक्ट्स के सीनियर एजेंसी प्रेसिडेंट थे और 2014 में YouTube के CEO बन गए थे।
जब ना ट्विटर जाने के लिए मिले 544 करोड़ रुपये
कहानी वर्ष 2008 की है, जब नील एक डबल क्लिक नाम की कंपनी में काम करते थे। बाद में चलकर गूगल ने उसे खरीद लिया। उस समय Google ने अपनी कंपनी में काम कर रहे किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला, फिर क्या? नील मोहन की Google के साथ शुरुआत हुई। समय-धीरे-धीरे आकलन किए गए। नील को ट्विटर से जॉब का ऑफर आया। नील नौकरी की तैयारी में जुट गए। नील काम में बहुत अधिक पारंगत थे कि उनके बॉस और साथी वरिष्ठ अधिकारी उन्हें खोना नहीं चाहते थे और यही कारण था कि उन्हें अपने साथ काम करने के लिए मुंह अलग-अलग कीमत देने के लिए तैयार किया था। जब इस जॉब ऑफर के बारे में Google के टॉप ऑफिसर्स को पता चला तो नील को रोकने के लिए कंपनी के लिए 100 मिलियन डॉलर यानी उस समय के करीब 544 करोड़ रुपए बोनस के तौर पर दिए गए। बता दें, 100 मिलियन डॉलर की बोनस कंपनी बहुत कम लोगों को ही मिलती है। गुनहगार उस समय इतनी रकम बोनस के रूप में पाने वाले गलती करने वाले एरिक श्मिट के अलावा इकलौते शख्स थे।
कौन हैं YouTube के नए बॉस नील मोहन?
नील मोहन ने सन 1996 में स्टैनफोर्ड से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में स्नातक किया। YouTube का सीईओ बनने से पहले वह कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट ऑफिसर के रूप में काम करता है। मोहन माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी काम कर चुके हैं। मोहन और वोजिकी ने करीब 15 साल साथ काम किया है। 2007 में DoubleClick एक्विजिशन के दौरान वे Google में आए और बाद में खाते और वीडियो एडवर्टाइज के सीनियर आउटलेट प्रेसिडेंट बने। वह 2015 में YouTube के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बने। कहा जाता है कि नील टेक्नोलॉजी के साथ शानदार बिजनेस की स्ट्रैटजी बनाने में विशेषज्ञ माने जाते हैं। बता दें, वह अपनी पत्नी हेमा सरीम के साथ सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं।